Written By : Amisha Gupta
महाराष्ट्र और गुजरात में ‘वोट जिहाद’ के नाम पर फर्जी KYC से बैंक खाते खोलने की एक संगठित साजिश का खुलासा हुआ है।
इस मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को 24 ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी के अनुसार, फर्जी दस्तावेज़ों का उपयोग करके कई बैंक खाते खोले गए थे, जिनका इस्तेमाल संदिग्ध लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा था।
सूत्रों के मुताबिक, इन खातों का उद्देश्य राजनीतिक फायदे के लिए अवैध रूप से धन जुटाना और संभवतः चुनावों को प्रभावित करना था।कई संदिग्ध संगठनों ने आरोप लगाया कि इन खातों का उपयोग “वोट जिहाद” के तहत कुछ खास वर्गों और दलों को आर्थिक समर्थन देने के लिए किया जा रहा था। इस साजिश में शामिल लोग कथित रूप से फर्जी पहचान और फर्जी KYC दस्तावेजों का उपयोग कर बैंकिंग नियमों की अनदेखी कर रहे थे।
ईडी की छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में नकदी, डिजिटल सबूत, और फर्जी दस्तावेज़ जब्त किए गए। अधिकारियों का मानना है कि यह एक बड़ा नेटवर्क हो सकता है, जो कई राज्यों में फैला है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इन फर्जी खातों से बड़े पैमाने पर लेन-देन हुए हैं, जिनमें विदेशी खातों से भी संपर्क के संकेत मिले हैं। प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अभी जांच जारी है और जल्द ही साजिश में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना से राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है, और कई नेता इसे चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप का गंभीर मामला बता रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने बैंकिंग संस्थानों से फर्जी खातों की पहचान करने और KYC प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू करने का आग्रह किया है। इस घटना ने देश में बैंकिंग नियमों और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।