हाल ही में की गई एक महत्वपूर्ण खोज जो लोहे से बनी सामग्रियों को जंग से बचाने में मदद करेंगी। दरअसल शिवनादर यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉक्टर हरप्रीत सिंह ग्रेवाल, डॉक्टर हरप्रीत अरोरा और उनकी टीम ने एक पाउडर तैयार किया है।
शोधकर्ताओं ने इस पाउडर को धान की भूसी से नैनो- सिलिका के कणों को निकाल कर विकसित किया है। इसका बड़ा फायदा यह है कि पिछले कुछ वर्षो में उत्तर भारत में किसानो द्वारा फसलों के अवशेष जलाने से वायु प्रदुषण के मामले काफी आ रहे थे, जो स्वास्थ के लिए हानिकारक थे किसानो द्वारा अवशेष जलाये जाने पर वायु प्रदुषण अस्थमा जैसी कई बीमारियों को बढ़ावा मिल रहा था।
इस शोध का सफल परिक्षण किया जा चुका है इस खोज से किसान क्वे द्वारा फसल के अवशेषो को जलाने की बजाय उसका अब उचित प्रबंध कर सकते है और वायु प्रदुषण को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। शोधकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान में बाजार में जो पेंट और कोटिंग उत्पाद मौजूद है उनसे जहरीले पदार्थ जैसे- लेड, हेसवैलेंट क्रोमियम और अन्य रासायनिक यौगिक होते है, जिससे स्वास्थ पर गंभीर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। शोधकर्ताओं ने कहा इस पाउडर की दूसरी खासियत यह भी है इसे घरेलू उपकरणों, इमारत ऑटोमोबाइल्स और औधोगिक घटको में प्रयोग किया जा सकता है इस पाउडर के मिश्रण से बने पेंट की कोटिंग से उन सामग्रीयों की लाइफ बढ़ाई जा सकती है। यह अध्ययन साइंटिफिक प्रोग्रेस इन ऑर्गेनिक कोटिंग पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
WRITTEN BY- RISHU TOMAR