बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को फिलहाल कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है।
आपको बता दें कि बिहार सरकार ने साफ कर दिया है कि आनंद मोहन की रिहाई अभी संभव नहीं है, इसलिए क्योंकि वो एक डीएम के हत्या के दोषी हैं, तो उन्हें परिहार नहीं दिया जा सकता है।
अब राज्य सरकार के इस बात से स्पष्ट हो गया है कि बाहुबली नेता आनंद को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में ललित यादव तथा चेतन आनंद ने कई सदस्यों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर सबका ध्यान आकर्षित करवाया था।
उस दौरान सभी ने राज्य के विभिन्न जिलों में 14 वर्ष से ज्यादा की सजा काट चुके कैदियों को परिहार परिषद के द्वारा समय पर निर्णय नहीं लेने का मुद्दा उठाया था।
14 साल की सजा हो चुकी है पूरी
आपको बता दें कि राजद विधायक चेतन आनंद के पिता और पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन ने 14 साल की सजा काट ली है,पर अभी भी उनको रिहा नहीं किया गया है।
हालांकि आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने बिहार सरकार से सवाल पूछा है कि सजा से छह माह ज्यादा जेल में काट चुके आनंद मोहन को क्यों नहीं रिहा किया जा रहा है।इसके बाद
प्रभारी गृहमंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि आजीवन कारावास पाए बंदियों को छोड़ने के मानदंड तय हैं। और जेल से छोड़ा जाना उम्रकैद के दोषियों का अधिकार नहीं है।
IAS की हत्या का है मामला
गौरतलब है कि आइएएस की हत्या के मामले में आनंद मोहन दोषी करार हैं और इसलिए उन्हें परिहार नहीं दिया जा सकता है।
इस मामले में बताया गया है कि अपने पिता की रिहाई के लिए चेतन आनंद अब आगे आंदोलन का रास्ता अपना सकते हैं।इस दौरान राजद भी चेतन आनंद के साथ पूरी ताकत के साथ खड़ी दिख रही है।
आपको बता दें कि गोपालगंज के पूर्व डीएम जी. कृष्णैया की हत्या में लोअर कोर्ट ने आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई गई थी।वहीं लोअर कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया था।
उसके बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी,पर बाहुबली नेता तथा पूर्व सांसद आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा हुआ था।