शपथ ग्रहण के दिन लगातार खबरें आ रही थीं कि कौन मंत्री बनेगा, कौन नहीं, उसी वक्त एक बड़ी खबर भी आने लगी कि नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड सरकार में शामिल नहीं होगी। जिसके बाद लोगों के बीच उत्सुकता देखा गया, आखिर ऐसी क्या स्तिथि पैदा हो गयी जिसको लेकर नीतीश कुमार अचानक दूरी बना रहे है।
कयास ये लगाया जा रहा था कि नीतीश कुमार को सरकार में नहीं रहने का कारण कैबिनेट में केवल एक सीट दिया जाना। लेकिन फिलहाल स्थिति साफ है, नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ संबंध बना रहेगा, लेकिन उनके मंत्री शपथ नहीं लिए। जदयू की सरकार में भागीदारी को लेकर गृह मंत्री अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार से बात करने की कोशिश की लेकिन, नीतीश कुमार नहीं माने और अपनी पार्टी के किसी एक संसद को मंत्री बनवाने के लिए तैयार नहीं हुए। इसके पीछे उनकी कुछ दुविधा है तो कुछ मजबूरी भी है।
खबरों के अनुसार नीतीश कुमार दो कैबिनेट मंत्री चाहते थे, लेकिन जेडीयू को केवल एक कैबिनेट का पद मिला। जिसको लेकर नीतीश कुमार नाराज दिखे। दरअसल, नीतीश कुमार दुविधा में थे कि आखिर किसको मंत्री बनाया जाए।
नीतीश कुमार उधेड़बुन में फंस गएआखिर एक कैबिनेट पद में किसे मंत्री बनाया जाये। एक तरफ राम प्रसाद सिंह जो कि कुर्मी जाति से नाता रखते हैं तो दूसरी और ललन सिंह जो भूमिहार जाति से आते हैं। जिसको लेकर नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी को शपथ ग्रहण से अलग रखा।