बिहार की राजनीति इन दिनों उफान पे है। जब से जनता दल यू और राष्ट्रीय जनता दल महागठबंधन से अलग हुए हैं, रह-रहकर दोनों पक्षों के नेताओं में जुबानी जंग की खबरें आती रहती हैं।
आपको बता दें कि बिहार में जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और राबड़ी देवी दोनों ही ट्वीटर पर आपस में भीड़ गए । दरअसल, दोनों नेताओ की आपसी मतभेद की वजह लालू प्रसाद यादव के आत्मकथा ‘गोपालगंज टू रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी’ में लालू प्रसाद यादव का दावा था की प्रशांत किशोर तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रस्तावक बनकर मेरे पास आये थे।
उस आत्मकथा के अनुसार राजद-जदयू महागठबंधन टूटने के करीब 6 महीने बाद प्रशांत किशोर गठबंधन से जुड़ने के लिए को नीतीश ने भेजा था। जिसके बाद प्रशांत किशोर ने पटलवार कर कहा था कि ‘यह सच है कि जदयू में जाने से पहले लालू प्रसाद यादव से मिला था, लेकिन उनके द्वारा लगाए जा रहे आरोप बिलकुल बेबुनियाद है। ऐसी कोई बात नहीं हुई थी। अगर मुझसे ये पूछा जाए कि लालूजी से क्या-क्या बातें हुई और अगर मैंने बता दिया तो लालू जी को काफी शर्मिंदगी महसूस होगी । ‘
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जिसके बाद प्रशांत किशोर की डील का खुलासा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि ‘प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें। राबड़ी ने कहा कि ये सुनकर हमने प्रशांत किशोर को अपने घर से निकाल दिया था। मुझे नीतीश कुमार पर बिल्कुल ही भरोसा नहीं था।’
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लालू परिवार को चुनौती दी है। ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि ‘लालू प्रसाद जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया?’
https://youtu.be/tXf3c3aFgGQ