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देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर रहा नोएडा

सेंट्रल डेस्क प्राची जैन:-    नोएडा/ग्रेटर नोएडा। नोएडा में लगातार तीसरे दिन वायु की गुणवत्ता बेहद खराब रही। बुधवार को नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 454 रिकॉर्ड किया गया है। जो इस मौसम का अधिकतम स्तर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक नोएडा देश का छठा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा। उधर, ग्रेनो वेस्ट और ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई औसत 437 रहा। प्रदूषण विभाग ने अभी कुछ दिनों तक प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी जारी रहने की आशंका जताई है।

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, बुधवार को देश में सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद था। जिसका एक्यूआई 478 रहा। जबकि दूसरे नंबर पर पानीपत, तीसरे नंबर पर बागपत, चौथे नंबर पर बल्लभगढ़ और पांचवे स्थान पर हापुड़ रहा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत पूरे एनसीआर में स्मॉग की चादर से लोगों को खासी परेशानी होने लगी है। सांस लेने के साथ-साथ आंखों में जलन की शिकायत भी बढ़ गई है। आलम यह है कि ऑफिस में कार्यरत कर्मचारियों को भी इसका एहसास होने लगा है।
प्रदूषण स्तर (एक्यूआई)


 

1-गाजियाबाद-477
2-पानीपत-467
3-बागपत-464
4-बल्लभगढ़-459
5-हापुड़-458
6-नोएडा-454
7-मेरठ-450
8-बुलंदशहर-447

नोएडा में प्रदूषण का हाल
सेक्टर-62 455
सेक्टर-125 437
सेक्टर-1 455
सेक्टर-116 460

अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी

स्मॉग की वजह से निजी और सरकारी अस्पताल में केमिकल न्यूमोनिटिक्स या केमिकल निमोनिया की समस्या सामने आ रही है। इसके अलावा लोगों को फेफड़े के रोग, सांस की बीमारी, गले और नाक का इंफेक्शन जैसी बीमारियां हो रही हैं। जिला अस्पताल के डॉ. संतराम ने बताया कि अस्पताल में रोजाना श्वास से संबंधित 10 से 15 मरीज आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्मॉग में कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, जिंक ऑक्साइड और नाइट्रेट मौजूद होते हैं।जो फेफड़ों में जलन पैदा करके न्यूमोनिटिक्स का कारण बनते हैं। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो इससे श्वास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं कार्यवाहक सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने बताया कि वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है। इनमें फेफड़ों की एलर्जी के चलते खांसी, जुकाम और दमा की शिकायत हो सकती है।


 

आंखों में एलर्जी, दिल की बीमारियों का भी खतरा रहता है। मौसम को देखते हुए अस्थमा के मरीजों को खास सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
होम्योपैथी अनुसंधान में पहुंचे 80 मरीज
सेक्टर-24 स्थित डीपी रस्तोगी केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान की डॉ. पद्माल्या रथ ने बताया कि प्रदूषण की वजह से रोजाना सांस से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बुधवार को करीब 80 मरीज अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे।

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