सेन्ट्रल डेस्क- जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत हर तरीके से पाकिस्तान का बहिष्कार कर रहा है। जहां एक ओर भारत ने पाकिस्तान से एमएनएफ का दर्जा छीना, वहीं दूसरी ओर पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री ने पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करने से मना कर दिया है। इसके अलावा बीसीसीआई ने आईसीसी को एक पत्र लिखा था, जिसमें पाकिस्तान को वर्ल्ड कप से बाहर करने की मांग की गई थी। इसके बाद भारत ने रावी, व्यास और सतलज नदियों के पानी को रोकने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि तीन नदियों का पानी पाकिस्तान के बजाय यमुना में छोड़ा जाएगा। भारत के इस फैसले पर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत के पास पाकिस्तान के पानी को रोकने या मोड़ने की क्षमता नहीं है।
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क्या है भारत-पाकिस्तान के बीच की जल संधि?
सन् 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच जल संधि हुई थी। इस संधि पर तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में हस्ताक्षर किए थे, जिसकी विश्व बैंक ने मध्यस्थता की थी। संधि के अनुसार 6 नदियों के पानी का बंटवारा तय हुआ था, जिसमें पूर्वी नदियां यानि रावी, व्यास और सतलज के पूरे पानी का हक भारत के पास है, जबकि पश्चिमी नदियां यानि झेलम, चिनाब और सिंधु पाकिस्तान को आवंटित की गईं हैं। इसके साथ-साथ तीनों नदियों का सीमित इस्तेमाल का अधिकार भारत को मिला है। बता दें कि भारत के हिस्से में आईं 3 नदियों का पानी भी भारत पूरी तरह इस्तेमाल नहीं कर पाता है और ये तीनों नदियां भी पाकिस्तान की प्यास बुझाती हैं।
इस जल संधि के तहत भारत के पास 20 फीसदी पानी को ही इस्तेमाल करने का अधिकार है, लेकिन भारत सिर्फ 4 फीसदी पानी का ही इस्तेमाल करता आया है। वहीं पाकिस्तान 80 फीसदी पानी इस्तेमाल करता है। पुलवामा हमले के बाद अगर भारत अपने हिस्से का पानी रोकता है, तो पाकिस्तान को मिलने वाला 16 फीसदी अतिरिक्त पानी रुक जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान का पूरा पंजाब सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है।
क्या भारत इस संधि को रद्द कर सकता है?
भारत अगर इस संधि को रद्द करता है तो दुनिया के शक्तिशाली देश इसकी आलोचना करेंगे। इसके पीछे मुख्य वजह ये है कि ये समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी टिका रहा है। हालांकि, भारत ने गुरुवार को इस मुद्दे पर कहा था कि कोई भी संधि दोनों पक्षों के बीच आपसी सहयोग और विश्वास के बल पर ही टिकी होती है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि तीन नदियों का पानी पाकिस्तान के बजाय यमुना में छोड़ा जाएगा। भारत के इस फैसले पर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत के पास पाकिस्तान के पानी को रोकने या मोड़ने की क्षमता नहीं है। इसके साथ-साथ पाकिस्तान का कहना है कि उनके पास भारत की ओर से ऐसी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है और अगर ऐसा कुछ होता है तो ये गलत है।
क्रिकेट वर्ल्ड कप से पाकिस्तान को बैन करने की मांग
हाल ही में बीसीसीआई ने आईसीसी को एक पत्र लिखा था, जिसमें पाकिस्तान को वर्ल्ड कप से बैन करने की मांग की गई थी। इसके अलावा बीसीसीआई ने अपने कार्यालय से पाकिस्तान क्रिकेट से जुड़ी सभी तस्वीरें हटा दी थीं। जहां एक ओर पूरी दुनिया क्रिकेट वर्ल्ड कप की तैयारी में है, वहीं भारत पाकिस्तान को वर्ल्ड कप से बाहर करन की रणनीति बना रहा है।
एमएफएन का दर्जा छीना गया
पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया है, जिसके बाद से पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है। बता दें कि दोनों देशों के बीच साल 2017-18 में 2.41 बिलियन डॉलर का व्यापार था। आपको जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तान ने भारत को अभी तक मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा नहीं दिया है।
विश्व व्यापार संगठन की नियमावली के आर्टिकल 21बी के अनुसार किसी देश को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधी विवाद होने के बाद वापस लिया जा सकता है, जिसके ताहत डब्लूटीओ की सारी शर्तें पूरी करनी होती हैं।
पाकिस्तानी कलाकारों का बहिष्कार
जम्मू-कश्मीर के पुलावामा में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में रोष है। इस हमले के बाद पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री ने पाकिस्तानी कलाकारों का बहिष्कार किया है। इसके साथ-साथ पाकिस्तान में कोई भी बॉलीवुड फिल्म रिलीज नहीं करने का फैसला किया गया है।