किसानो ने आज 12 महीने से ज्यादा समय के बाद गाजीपुर बॉर्डर से अपने घरों की ओर प्रस्थान किया। हवन पूजन होने के बाद इसके बाद सभी किसान एक-दूसरे से मिले और खुशी व गम के मिलेजुले भावों के साथ फतेह मार्च निकालते हुए अपने घरों की ओर लौट गए। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने फतेह मार्च निकालने से पहले मीडिया से बात की और पूरे साल के अनुभव के बारे में बात की।
गाजीपुर बॉर्डर, खाली करते वक्त राकेश टिकैत ने कुछ बातें
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के मुताबिक किसानों की घर वापसी सही मायने में असली सम्मान है। 13 महीने के कड़े संघर्ष के बाद किसानों को सम्मान मिला है। एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने समेत अन्य मुद्दों पर कमेटी बन गई है।
लखीमपुर की घटना को लेकर आगे उन्होंने कहा कि किसानों की एसआईटी ने पहले ही इस घटना को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय टेनी की पूर्व नियोजित साजिश बता दिया था। लेकिन अब सरकार द्वारा बनाई गई एसआईटी ने भी इसे साबित कर दिया है। अब सरकार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त कर कार्रवाई करनी चाहिए।
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”साथ ही उन्होंने कहा कि फतेह मार्च एलिवेटेड रोड से होकर दुहाई और मोदीनगर मुरादनगर के बाद मेरठ होते हुए मुजफ्फरनगर पहुंचेगा। इसके बाद वह 13 घंटे का आराम करने के बाद हैदराबाद और अन्य जगह पर पंचायत में शिरकत करेंगे।
कोई मलाल तो नहीं रह गया सवाल पर क्या बोले टिकैत
बता दे की राकेश टिकैत से पूछा गया कि कोई मलाल तो नहीं रह गया तो इस पर उन्होंने कहा कि जब समझौता हो जाता है तो कोई मलाल नहीं होता। न किसी की हार होती है न किसी की जीत, छल-कपट ना हो इस उम्मीद के साथ वापस जा रहे हैं।
इसके अलावा राकेश टिकैत से पूछा गया कि 700 किसानों की मृत्यु हुई उनकी जिम्मेदारी किसकी होगी। तब वह बोले कि उनकी जिम्मेदारी तो सरकार की होगी। जिस राजा के काल में चीजें होती हैं इतिहास में दर्ज होगा। उनके परिवार के रूप में जो समझौता हुआ है उसके हिसाब से काम होगा।
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि अपनी बात हम जरूर करते रहेंगे। राकेश टिकैत बोले कि किसान नशा मुक्ति और पेड़ लगाने जैसे कार्य भी करते रहेंगे। हमने 13 महीने में बहुत उतार-चढ़ाव देखे। ये 13 महीने की ट्रेनिंग थी।