रूस और नाटो के बीच यूक्रेन के मुद्दे पर तनाव बढ़ता ही जा रहा है. बता दे की पूरे यूरोप में हाई अलर्ट जैसी स्थिति है.वही इस संकट को टालने के लिए रूस और अमेरिका के अधिकारी लगातार बैठकें कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर अमेरिका कुछ ऐसे बड़े कदम भी उठा रहा है, जिससे युद्ध होने की आशंका बढ़ती जा रही है. अमेरिका ने अपने कुछ राजनयिकों के परिवारों को यूक्रेन से वापस बुला लिया है.
बताया जा रहा है की अमेरिका के विदेश विभाग ने पहले ही यूक्रेन के लिए ‘लेवल 4’ की एडवाइजरी जारी की हुई है. जिसमें अमेरिकी नागरिकों से कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी और ‘रूस के बढ़ते खतरे’ के मद्देनजर यूक्रेन की यात्रा ना करें.इसके अलावा नॉन स्टाफ सदस्यों को वापस बुलाने की योजना उस दिन बनी, जब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंक ने रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव से मुलाकात की है. और यह मुलाकात भी वर्तमान तनाव को कम करने के लिए हुई थी.
बता दे की युद्ध होने की आशंका को उस खबर से भी बल मिल रहा है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका ने यूक्रेन को 90 टन की ‘घातक मदद’ पहुंचाई है. रूस ने सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया हुआ है. और इस बीच अमेरिका का यूक्रेन को 90 टन की मदद भेजना एक बड़ी बात है. इससे कुछ समय पहले अमेरिका ने यूक्रेन को सैन्य सहायता की मंजूरी दी थी. जिसके बाद यह पहली खेप भेजी गई, जो यूक्रेन तक पहुंच गई है. इसमें सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए हथियार भी शामिल हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिसंबर महीने में यूक्रेन को 20 करोड़ डॉलर के सुरक्षा सहायता पैकेज को मंजूरी दी थी.
खबरों के मुताबिक रूस बहुत गुपचुप तरीके से यूक्रेन को घेरने की कोशिश कर रहा है. जिसके चलते 5 जनवरी को उसने कीव स्थित अपनी एम्बेसी से 18 लोगों को मॉस्को रवाना किया. और ये सभी लोग सड़क के रास्ते 15 घंटे का सफर करने के बाद मॉस्को पहुंचे. इसके बाद अगले कुछ दिनों में 30 और लोगों को इसी तरह मॉस्को भेजा गया.
जानकारी के मुताबिक रूस ने 60 बटालियन यूक्रेन के बॉर्डर पर तैनात की हैं. और कुल मिलाकर रूसी सैनिकों की संख्या 77 हजार से एक लाख बताई जा रही है. हालांकि, एक महीने पहले पेंटागन ने यह संख्या एक लाख 75 हजार बताई थी. वही अमेरिका को लगता है कि रूसी सेना इस बात का इंतजार कर रही है कि बॉर्डर एरिया में बर्फ पूरी तरह जम जाए. इससे सैनिक और आर्टिलरी को मूव करने में आसानी होगी.
वर्ष 2014 में रूस ने एक बड़ा कदम उठाते हुए यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद से यूक्रेन की सेना और रूस समर्थित अलगाववादियों में लड़ाई अभी जारी है. ऐसा कहा जाता है कि इस लड़ाई में 14 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं. और 20 लाख लोगों को अपना घर तक छोड़ना पड़ा है. बता दे की रूस ने बीते साल अचानक यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी. जिसके बाद अमेरिका और यूक्रेन दोनों ने ही दावा किया कि रूस इस देश पर हमला कर सकता है.