गणेश चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जिसे पूरे भारत वर्ष में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।भगवान गणेश ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक हैं।
ग्रंथो के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था। इस तिथि को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। ग्रंथों के अनुसार गणेश जी का जन्म मध्यान्ह काल में हुआ था। इसलिए इस समय गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाती है और उनकी पूजा की जाती है।
गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की स्थापना और पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है और साथ ही साथ समृद्धि और सफलता मिलती है। घर, कार्यालय या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर गणेश जी की स्थापना करने के लिए मूर्ति मिट्टी की बनाई जानी चाहिए।
* गणेश मूर्ति की स्थापना और पूजा विधि *
1.गणेश चतुर्थी के उपलक्ष पर सूर्योदय से पहले उठकर सभी दैनिक क्रियो को पूरा कर अथवा नाहा कर शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए।
2. पूजा के स्थान पर पूर्व दिशा की ओर मुंह रखकर कुश के आसन पर बैठना चाहिए।
3. अपने सामने छोटी चौकी के आसन पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर एक प्लेट में चंदन या कुमकुम से स्वास्तिक बनाएँ और उस पर शास्त्रों के अनुसार सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी से बने भगवान श्री गणेश की मूर्ति बनायें और फिर वहाँ पूजा आरंभ करें।
Written by: Ayushi garg
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