इन दिनों जबकि अपनी मेज़ को रोज़ अपने पास ना देख कर कहीं इन्हीं आस-पास की जगहों में खुद को व्यस्त करने में लगी हुई हूं। मुझे लगता है, इस तरह अनमने होकर कुछ भी नहीं हो पा रहा। दिन काटने के लिए अपने साथ लायी सारी ख्वाइसे हिम्मत बांध …
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