आज हम आपको बिहार के इकलौते गांव के बारे में बताएंगे जहां पर सभी परिवार पीतल के बर्तन बनाते है।
दानापुर के बिहटा के पास एक ऐसा गांव बसा है,जहां पर हर घर में पीतल के बर्तन बनाना ही उनका रोजगार है।यहाँ पे पूरा परिवार एक साथ मिलकर पीतल के बर्तन तैयार करता है,इसके साथ ही यहां की महिलाएं घर के साथ ही पीतल के बर्तनों में भी चमक लाने का काम करती हैं।वहीं बिहार ही नहीं बल्कि बाहर के कारीगर भी यहां आकर काम करते हैं।
बता दें कि बिहटा परेव एकलौता ऐसा गांव है,जहां पर हर घर पीतल से काम से जुड़ा हुआ है।यहां के स्थानीय लोगों का यही सबसे बड़ा रोजगार है।यहां पर पीतल के बेहतरीन काम को देखते हुए भारत सरकार का हस्त शिल्प मंत्रालय परेव के विकास की बात कर रही है।इस फैसले से परेव के कारोबारी तथा कामगार दोनों काफी खुश हैं।लेकिन कुछ लोग सरकार के वादे पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।
इसी दौरान पीतल कारोबार ने कहा कि परेव में बड़ी मशीनों की जरूरत है।अगर सरकार मदद करें तो और विकास होगा।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां साल 2008 में एक प्लांट लगाया था।जिसकी मदद से परेव के कारोबार में थोड़ा विकास हुआ था।वहीं परेव जो बिहार की पीतल नगरी में शुमार है,यहां पर पीतल, सिल्वर गिलेट और कासा के बर्तन बनाए जाते हैं।यहां सूरज उगते ही कारीगर काम में लग जातें है।