भारत के कई इलाकों में मानसून का कहर इस कदर बरस रहा है कि लोग दाने-दाने को तरसने लगे हैं और कुछ ऐसे इलाके हैं जहां पर एक बूंद को तरस रहे हैं। दक्षिण भारत की बात की जाए तो बाढ़ पीड़ितों की हालत बहुत गंभीर बताई जा रही है
जिनके लिए कई लोगों द्वारा और प्रशासन द्वारा राहत कार्य चलाया जा रहा है। वही उत्तर पूर्वी भारत की बात की जाए तो बिहार में भी बारिश और गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से लोगों की हालत कुछ ठीक नहीं है। कुछ लोग पलायन कर गए हैं कुछ लोगों की अभी हाल ही में नदी में डूबने से मौत हो गई। इस तरह की कई परेशानियां लोग झेल रहे हैं यूपी और उत्तराखंड इलाकों का भी यही हाल है। दिल्ली में हुए दो-तीन दिन की बारिश ने पूरे शहर को डूबा दिया।
ऐसे में मौसम विभाग द्वारा एक बार फिर भारी वर्षा की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि आज से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग, बिहार की तलहटी, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड के कुछ हिस्सों, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।
दूसरी ओर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो तलहटी, हिमाचल प्रदेश, शेष उत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, ओडिशा के कुछ हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और रायलसीमा में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा, कोंकण और गोवा, दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हल्की बारिश की संभावना है। उत्तर पश्चिमी भारत में मध्यम शुष्क पछुआ हवाएं जारी रहेंगी।
मौसम विभाग द्वारा बताया जा रहा है कि दिल्ली और उसके निकटवर्ती क्षेत्रों में 29 अगस्त से बारिश हो सकती है। आईएमडी क अनुसार द्वारा दी गई जानकारी के ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मानसून के कम दबाव के क्षेत्र के हिमालय की तलहटी से मैदानी इलाकों की ओर बढ़ने की उम्मीद है। दिल्ली और उत्तर-पश्चिम भारत के अन्य इलाकों में फिलहाल मानसून का आंशिक, रुक-रुक कर बारिश वाला चरण देखा जा रहा है। मानसून का कम दबाव वाला क्षेत्र हिमालय की तलहटी के करीब बना हुआ है।