केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शनिवार को कहा, ‘आगामी कानून को डिजिटल इंडिया अधिनियम के रूप में जाना जाएगा, जो 22 साल पुराने आईटी अधिनियम की जगह लेगा। डिजिटल इंडिया अधिनियम प्रौद्योगिकी के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र से सामंजस्य बिठाएगा। पहले देश में डेटा प्राइवेसी की बातचीत जीडीपीआर से शुरू और खत्म होती थी। किसी भी विदेशी चीज को सर्वश्रेष्ठ मानने का लगभग एक चलन सा था। लेकिन हमने जीडीपीआर से प्रेरणा लेने के बजाय एक भारतीय विधेयक तैयार करने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, हमने इंटरनेट का उपयोग करने वाले 830 मिलियन भारतीय उपयोगकर्ताओं को देखा है, जो इंटरनेट का उपयोग करते हैं और 2025-26 तक यह आंकड़ा 1.2 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। हम दुनिया में सबसे बड़े कनेक्टेड देश हैं। हम यूरोपीय संघ या अमेरिका का अनुसरण करने के बजाय भविष्य के लिए प्रौद्योगिकी में अपने स्वयं के मानकों को स्थापित करने के लायक हैं।
राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि यह कानून एक नई व्यवस्था का निर्माण कर रहा है। हम कंपनियों और उद्योगों को व्यवस्था परिवर्तन की अवधि का समय देंगे। दुरुपयोग का युग, शोषण का युग, यह मानने का युग कि भारतीय नागरिकों के पास अधिकार नहीं हैं, इस कानून के साथ समाप्त होने जा रहा है। यह बिल नवाचार इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने का काम करेगा और व्यवस्था में किसी भी भ्रम की स्थिति को दूर करेगा।