बता दें कि बहुत ही कम लोग इस बीमारी के बारे में जानते हैं। ‘स्क्लेरोडर्मा’ एक ऐसी बीमारी है, जो अधिकतर महिलाओं को अपना शिकार बनाती है। यह एक ऐसी लाइलाज बीमारी है, जिसमें शरीर के स्वस्थ टिश्यु पर प्रभाव पड़ता है और इस कारण त्वचा कठोर बन जाती है। यह बीमारी 30 से 50 उम्र के बीच की महिलाओं को अपना शिकार बनाती है। सोचने वाली बात तो यह है कि अब तक इसका कोई इलाज नहीं ढूंढ़ सका पर हम सजग रहकर इस बीमारी से लड़ सकते हैं।
क्या है स्केलोडर्मा
इस बीमारी का नाम ग्रीक शब्द स्कलेरो और डर्मा से मिलकर बना हैं जिसका अर्थ है कठोर त्वचा। क्योंकि इस बीमारी में त्वचा सख्त व चमकदार बन जाती है। साथ ही यह बीमारी पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में 4 गुना ज्यादा होती है। यह शरीर के अच्छे टिश्यु पर प्रभाव डालती है फिर उन्हें सख्त बना देती है।
इस बीमारी कारण
बता दें कि अभी तक स्क्लेरोडर्मा का कोई इलाज नहीं है क्योंकि इस बीमारी का कारण किसी को पता नहीं चल सका है। यह एक आटोइम्यून बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली उसके शरीर के विरूद्ध कार्य करने लगती है।
क्या है इसका इलाज
सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है कि यह एक लाइलाज बीमारी है और यह अपने आप कुछ वर्षो में सही हो जाती है लेकिन दोबारा भी हो सकती है। इस बीमारी की कोई दवा नहीं है। दवा के लिए शोध जारी हैं। इस बीमारी में जोड़ो और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए व्यायाम जरूरी होता है।
ध्यान रखने योग्य बातें
-स्क्लेरोडर्मा से ग्रसित लोग थकान महसूस करते हैं।
– यदि गर्भावस्था के दौरान महिलाएं दवा ले रही हैं तो उन्हें दवा के दुष्परिणाम के बारे में पता होना चाहिए।
-क्रीम द्वारा सख्त चमड़ी की मालिश करने से चमड़ी मुलायम हो जाती है।
– अभी तक खानपान का इस बीमारी पर कोई असर होने का प्रमाण नहीं है। मरीज अपनी पसंद का संतुलित भोजन कर सकता है। संतुलित भोजन में विटामिन, प्रोटीन और कैल्शियम भरपूर होना चाहिए।
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Written by- Mansi