गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद एनकाउंटर करने के तरीके पर कई तरह के सवाल उठे जिसके बाद जांच की गई आज जांच का फैसला आ गया है जाने क्या कहा सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज ने
जानकारी के मुताबिक इस आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज डॉ बीएस चौहान के हाथ में थी। विकास दुबे और उसके गिरोह को लोकल पुलिस के साथ ही जिले के राजस्व और प्रशासनिक अधिकारियों का संरक्षण मिला हुआ था इस बात को जांच आयोग ने भी स्वीकार कर लिया है।
इस मामले में आयोग का कहना है कि गैंगस्टर को उसके घर पर पुलिस रेड की जानकारी भी स्थानीय चौबेपुर थाने द्वारा दी गई थी। इस मामले की जांच आयोग की रिपोर्ट को गुरुवार के दिन विधानसभा के पटल पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रखी गई थी। जांच आयोग ने बिकरू कांड मामले में 132 पेज की रिपोर्ट बनाई है। जिसमें पुलिस और न्यायिक सुधार संबंधी कई तरह की सिफारिशें की गई हैं। रिपोर्ट के साथ ही 665 पेज की फेक्चुअल जानकारी भी राज्य सरकार को सौंपी गई है।
जानकारी के मुताबिक बिकरू कांड की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन किया गया था। इसमें हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत अग्रवाल और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता दोनों ही शामिल थे। जिसमें कि 2 जुलाई 2020 की रात को रेड मारने गए 8 पुलिस कर्मियों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था। जिसके बाद सभी आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मार दिया गया था। मामले की जांच के लिए ही आयोग का गठन किया गया था। अब उसी जांच आयोग द्वारा पुलिस की टीम को क्लीन चिट दी गई है।