सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन मामले में सुनवाई की. इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई और कहा कि स अगर आप में समझ है तो इन कानूनों पर अमल ना करें।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि वो जल्द से जल्द इन कानूनों पर रोक लगा दे नहीं तो ये रोक कोर्ट को लगानी पड़ेगी. इसी पर याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से अपील की की सिर्फ विवादित हिस्सों पर ही रोक लगाई जाए लेकिन कोर्ट ने कहा कि नहीं हम पूरे कानून पर रोक लगाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि लोग मर रहे हैं और हम कानूनों पर रोक नहीं लगा रहे हैं।
कोर्ट ने आगे कहा कि वो सरकार ऑयर किसानों के बीच चल रहे इन विवादों से बहुत नाराज हैं.कोर्ट ने कहा कि आपके राज्य कानूनों के खिलाफ विद्रोह कर रहे हैं. हम फिलहाल इन कानूनों को निरस्त करने की बात नहीं कर रहे हैं, यह काफी नाजुक स्थिति है. वहीं कोर्ट ने कहा कि हम इसके लिए एक कमेटी बना रहे हैं, अगर किसी को इससे आपत्ति है,तो वो बोल सकता है. सभी आदेश एक ही सुनवाई के दौरान नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने इसे उचित ढंग से नहीं संभाला है, हमें इस पर एक्शन लेना ही होगा.
कोर्ट ने किसानों से कहा कि हम कानूनों पर रोक लगा सकते हैं और आप अपना आंदोलन जारी कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों से कहा कि चाहे आप विश्वास करें या ना करें, लेकिन हम देश का सुप्रीम कोर्ट हैं और हम अपना काम करेंगे।कोर्ट ने आगे कहा कि हमें नहीं पता कि लोग सामाजिक दूरी के नियम का पालन कर रहे हैं कि नहीं लेकिन हमें उनके (किसानों) भोजन पानी की चिंता है।
आपको बता दें कि सरकार और किसान नेताओं के बीच 15 जनवरी को अगली बैठक होगी.