Breaking News
Home / ताजा खबर / 2019: 550वी गुरु नानक जयंती की विशेषता और महत्व ..

2019: 550वी गुरु नानक जयंती की विशेषता और महत्व ..

सेंट्रल डेस्क सिमरन गुप्ता:-  कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जंयती मनाई जाती है। इस दिन सिखों के पहले गुरु नानकदेव का जन्म हुआथा। इनके जन्म दिवस को बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। इन्हें सिख धर्म का संस्थापक माना जाता है। इस साल गुरु नानक देव की550वीं जयंती 12 नवंबर को मनाई जा रही है। गुरु नानक देव जी एक दार्शनिक, समाज सुधारक, कवि, गृ हस्थ, योगी और देशभक्त थे।जानिए कैसे मनाया जाता है इनका जन्मोत्सव

कौन थे गुरु नानक देव? ये सिखों के पहले गुरु हैं जिन्होंने सिख धर्म की स्थापना की। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनका जन्म 1526 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। कुछ विद्वानों का मानना है कि इनकी जन्मतिथि 15 अप्रैल, 1469 है। इस दिन को प्रकाश पर्व केरूप में भी मनाया जाता है। कहा जाता है कि बचपन से ही नानक साहिब का मन सांसारिक कामों में नहीं लगता था, वह ईश्वर की भक्तिऔर सत्संग आदि में ज्यादा रहते थे। मात्र 8 साल की उम्र में ही उनका स्कूल भी छूट गया था। भगवान के प्रति समर्पण देखकर लोग इन्हेंदिव्य पुरुष मानने लगे।


 

कैसे मनाई जाती है गुरु नानक जयंती? इस दिन गुरुद्वारों में शब्दकीर्तन किये जाते हैं। जगहजगह पर लंगरों का आयोजन किया जाताहै। गुरुद्वारों और घरों में लोग गुरुबाणी का पाठ भी कराते हैं। इस दिन जुलूस एवं शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं। इस जुलूस में हाथी, घोड़ों आदि के साथ नानकदेव के जीवन से संबंधित सुसज्जित झांकियां बैंडबाजों के साथ निकाली जाती हैं।

गुरु नानकदेवजी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में विशाल नगर कीर्तन निकाला जाता है। श्री गुरुग्रंथ साहिब को फूलों की पालकी से सजेवाहन पर सुशोभित करके कीर्तन विभिन्न जगहों से होता हुआ गुरुद्वारे पहुंचता है। इस दिन कई जगह प्रभातफेरी भी निकाली जाती है।प्रभातफेरी के दौरान कीर्तनी जत्थे कीर्तन कर संगत को निहाल करते हैं।


 

गुरु नानक देव की शिक्षाएं:

परमपिता परमेश्वर एक है.

कोई हिंदू है, मुसलमान है, सभी मनुष्य हैं, सभी समान हैं।

हमेशा एक ईश्वर की उपासना करो।

प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ।

ना मैं एक बच्चा हूँ , ना एक नवयुवक, ना ही मैं पौराणिक हूँ, ना ही किसी जाति का हूँ।

धनसमृद्धि से युक्त बड़े बड़े राज्यों के राजामहाराजों की तुलना भी उस चींटी से नहीं की जा सकती है जिसमे में ईश्वर का प्रेम भराहो।

उसकी चमक से सबकुछ प्रकाशमान है।

वह जिसे खुद में भरोसा नहीं है उसे कभी ईश्वर में भरोसा नहीं हो सकता।

केवल वो बोलो जो जो तुम्हारे लिए सम्मान लेकर आये।

 

 

About News10India

Check Also

बिहार में मुसलमानों की बदहाली पर PK का RJD पर बड़ा हमला

मुसलमान 32 साल से राजद को वोट दे रहा है, कोई राजद या तेजस्वी से …

Leave a Reply

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com