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अमेरिका में मिला 55 फीट का समुद्री दैत्य, व्हेल की तुलना में काफी बड़ा है इसका आकार

आपको बता दे की वैज्ञानिकों ने अमेरिका में डायनासोर के ‘दोस्त’ यानी समुद्री दैत्य को खोजने में कामयाबी हासिल की है, लेकिन इसके साथ ही यह सवाल भी उठ रहे हैं, कि क्या भविष्य में कभी फिर से ‘शैतानों’ का राज पृथ्वी पर कायम तो नहीं होगा? खबरों के मुताबिक डायनासोर युग का यह समुद्री राक्षस इतना विशालकाय है, जिसकी कल्पना वैज्ञानिकों ने सपने में भी नहीं की थी।

अमेरिका में मिला 55 फीट का समुद्री दैत्य, व्हेल की तुलना में काफी बड़ा है इसका आकार

55 फीट का समुद्री राक्षस

बता दे की अमेरिकी वैज्ञानिकों ने समुद्र में रहने वाले 55 फीट के विशालकाय समुद्री राक्षस को खोजने में कामयाबी हासिल की है। यह समुद्री जीव डायनासोर के युग का है, इसका मतलब धरती पर करीब 7 करोड़ साल पहले, जब डायनासोर का राज था, उस समय यह समुद्री जीव की प्रजाति भी धरती पर मौजूद थी।

इस जीव का नाम इचिथ्योसॉर है वही वैज्ञानिकों का मानना है कि, ये एक तरह की समुद्री मछली ही है, लेकिन आम व्हेल की तुलना में इसका आकार काफी ज्यादा बड़ा है और इसकी प्रजाति भी काफी भिन्न है

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काफी तेजी से हुआ विस्तार

रिसर्च में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि, इस समुद्री जीव का आकार अप्रत्याशित तरीके से बढ़ता है। वैज्ञानिकों ने कहा की ,आज से करीब 24 करोड़ साल पहले मछली के आकार के इन समुद्री सरीसृपों का आकार काफी तेजी से बढ़ गया था आपको यह जानकर भी हैरानी होगी, कि इस जीव के सिर का आकार साढ़े 6 फीट का है, इससे साफ़ पता चलता है कि ये कितना विशालकाय रहा होगा।

व्हेल से की गई ‘समुद्री दैत्य’ की तुलना

वैज्ञानिकों ने मुताबिक डायनासोर युग के समय में पाए जाने वाले इचिथ्योसॉर समुद्र में पाए जाने वालीं व्लेह मछलियों की तुलना में काफी अलग हैं और व्हेल की तुलना में इचिथ्योसॉर का आकार काफी तेजी से बढ़ा है। वैज्ञानिकों को सबसे ज्यादा हैरानी इस बात की है, कि जब आज से 6.6 करोड़ साल पहले, जब धरती से डायनासोर विलुप्त हो रहे थे, और उस वक्त इचिथ्योसॉर अपने आकार को खतरनाक तरीके से बढ़ा रहा था।

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वैज्ञानिकों को इस जीव का विश्लेषण करने पर पता चला है कि, 5.5 करोड़ साल के इतिहास में व्हेल मछली ने अपने आकार का 90 फीसदी विकास किया था, जबकि इस जीव ने 15 करोड़ साल के इतिहास में सिर्फ 1 प्रतिशत का ही विकास किया था, लेकिन फिर अचानक यह दैत्याकार हो गया।

2015 में शुरू हुआ खुदाई का काम

वैज्ञानिकों ने 2015 में इस जगह की खुदाई शुरू की थी जिसके बाद इस जीव के जीवाश्म को चट्टानों से बाहर निकाला गया था। वैज्ञानिकों को चट्टानों के बीच से इस जीव का सिर और पानी में तैरने वाले पंख और कई छोटे-छोटे अंग मिले थे। स्क्रिप्स कॉलेज में इस रिसर्च को लेकर जीव विज्ञानी और असिस्टेंट प्रोफेसर, वरिष्ठ शोधकर्ता लार्स शमित्ज ने कहा कि, “हमने पाया कि इचिथ्योसॉर ने व्हेल की तुलना में बहुत तेजी से विशालता विकसित की है, जब दुनिया में विनाशकारी घटना हुई थी तब धरती पर मौजूद करीब 75 फीसदी प्रजातियां विलुप्त हो रहीं थीं।

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खोपड़ी की लंबाई है 6.5 फीट

रिसर्च के दौरान पता चला की, इस जीव की खोपड़ी की लंबाई 6.5 फीट मापी गई है और वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि, पूरी तरह से विकसित एक सिंबोस्पोंडिलस यंगोरम की लंबाई 55 फीट से ज्यादा हो सकती है।

रिसर्च के मुताबिक वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि, सिंबोस्पोंडिलस यंगोरम का घर उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तटों से दूर पैथलासिक महासागर में होगा। हालांकि, इसके दांतों के आकार को देखते हुए वैज्ञानिकों का मानना है कि, ये छोटी मछलियों को ही खाता होगा।

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