केंद्रीय गृहमंत्री ने आज एनआरसी ( नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर ) की सूची पेश कर दी है. इस सूची में तीन करोड़ 11 लाख 21 हजार चार लोगों के नाम शामिल हैं. तो वही इस सूची में 19 लाख 6 हजार 657 लोगों का नाम शामिल नहीं हैं. असम मैं नागरिकता पहचान का काम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में किया गया है. हालांकि जिन लोगों का नाम सूची में नहीं आया है राज्य सरकार ने उन लोगों को भयभीत न होने और हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है. कई संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लागू भी की गई है और राज्य में सुरक्षाबलों की 218 कंपनवियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
आपको बता दे असम के बारापेटा एनआरसी सेवा केंद्र के बाहर लोगों की भारी भीड़ लगी हुई है. सभी लोग एनआरसी की अंतिम सूची में अपना नाम देखने के लिए पहुंचे हैं.
दिल्ली में भी एनआरसी लिस्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं मनोज तिवारी –
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहां दिल्ली में भी एनआरसी लागू करने को कहा क्योंकि यहां स्थिति गंभीर है.
यहां बसे हुए अवैध प्रवासी सबसे ज्यादा खतरनाक हैं. हम यहां भी एनआरसी को लागू करेंगे.’
केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा पेश की गई अंतिम एनआरसी की सूची में एनआरसी के स्टेट कोऑर्डिनेटर, प्रतीक हजेला ने कहा, ‘अंतिम एनआरसी में शामिल होने के लिए कुल 3,11,21,004 व्यक्ति पात्र पाए गए. वहीं 19,06,657 लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं हैं. इनमें वे लोग भी शामिल है जिन्होंने अपने दावे पेश नहीं किया, जो लोग इस परिणाम से संतुष्ट नहीं हैं वे विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं.
विदेशी न्यायाधिकरणों में कर सकते हैं अपील –
एनआर जी के अंतिम सूची में जिन लोगों का नाम शामिल नहीं हुआ है वह लोग अपना नाम विदेशी न्यायाधिकरणों मैं शामिल करा सकते हैं. राज्य सरकार ऐसे 400 विदेशी न्यायाधिकरणों को स्थापित करेगी. अतिरिक्त मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्ण के अनुसार 200 न्यायाधिकरणों की स्थापना पहले से ही की जा रही है. एनआरसी से बाहर रखे गए लोग अर्ध न्यायिक अदालतों में भी अपील कर सकते हैं.
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में एनआरसी ने अपडेट करने का आदेश दिया था. जिससे कि बोनाफाइड नागरिकों की पहचान की जा सके और अवैध अप्रवासियों को बाहर निकाला जा सके. मगर इसपर असल काम फरवरी 2015 से शुरू हुआ था.
Writen by – Ashish kumar
https://youtu.be/zWJUbkCJAeU