आज देश की वित्तीय व्यवस्था को लेकर मोदी कैबिनेट ने अहम फैसला लिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टिट्यूशन से जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी है। नेशनल बैंक की तरह काम करने वाले ये इंस्टिट्यूशन बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की फंडिंग करेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर जानकारी दी। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में अहम फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में इस तरह के बैंक बनाने का ऐलान किया था और अब अपना वादा पूरा कर रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी कि इन इंस्टिट्यूशंस को नए सिरे से शुरू करने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बड़े प्रोजेक्ट्स को लेकर भविष्य के फैसले नया बोर्ड करेगा, जिसका जल्द गठन किया जाएगा। डीएफआई को शुरुआत में 20 हजार करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। इस बैंक की ओर से बॉन्ड जारी कर इसमें निवेश किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि डीएफआई के लिए अगले कुछ सालों में 3 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटा ली जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोई भी पुराना बैंक बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट्स की फंडिंग के लिए तैयार नहीं हुआ था। इस समय देश में करीब 6,000 प्रोजेक्ट्स को राशि के आवंटन की जरूरत है। ऐसे में बैंकों के पीछे हटने की वजह से सरकार ने डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टिट्यूशन के गठन का निर्णय लिया है।