गुजरात की धौलावीरा को यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल किया गया है! इसके साथ ही भारत में विश्व विरासत स्थलों की संख्या 40 तक पहुंच गई है। जानिए क्यों ख़ास है धोलावीरा!
धोलावीरा भारत की प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का ऐसा प्रथम स्थल है जिसे यह दर्जा प्राप्त किया गया है ।
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हड़प्पा सभ्यता के दक्षिणी केंद्र धोलावीरा के बारे में कुछ खास तथ्य
गुजरात के कच्छ के रण में खादिर बेट से कुछ दूरी पर स्थित है। यह सर्वाधिक संरक्षित शहरी वस्तुओं में से एक है इसमें एक दुर्ग के शहर और एक समाधान स्थल शामिल है । 3000 – 1500 साल पूर्व के बीच पहले एक नगर के रूप में बसाया गया था | यहां पर मनका प्रसंस्करण कार्यशाला सहित विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां जैसे , तांबा, खोल पत्थर , कीमती पत्थरों के आभूषण टेराकोटा स्वर्ण पाए गए हैं ।
हड़प्पा कालीन अन्य नगरों के साथ-साथ मेसोपोटामिया और ओमान के नगर में नगरों के साथ भी अंतर – क्षेत्रीय व्यापार के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं । सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में जुड़े तथ्य। सिंधु घाटी ,भारतीय उपमहाद्वीप के प्राचीनतम ज्ञात नगरी सभ्यता है। इसका हड़प्पा स्थल के नाम से रखा गया जहां इस अनूठी संस्कृति की सर्वप्रथम खोज की गई। इसलिए इसे हड़प्पा संस्कृति कहा जाता है। मोहनजोदड़ो प्रमुख स्थल है, जहां विशाल स्नानागार की बालियां आदि के अवशेष पाए गए हैं।