चीनी प्रशासन ने अभी हाल हाई में अपने डर छुपाने की नाकामयाब कोशिश की है।
मामला कुछ ऐसा है कि, चीनी कस्टम विभाग ने चीन में ही प्रिंट हुए विश्व मानचित्र (world map) की एक बड़ी खेप को ज़ब्त कर लिया है।
इस कार्रवाही के पीछे, चीनी प्रशासन ने दलील दी है की साल 2019 में चीन में लागू हुए नए क़ानून के तहत कुछ क्षेत्र जैसे अरुणाचल प्रदेश (भारतीय क्षेत्र), ताइवान जो लगातार चीनी सरकार के सामने अपनी स्वायत्तता के लिए खड़ा रहा है और दक्षिण चीन सागर (जिसपर चीन अपना अधिकार मानता है) ; इन सभी क्षेत्रों को केवल चीन का हाई भाग दिखाया जा सकता है।
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अब सवाल ये उठता है कि चीन की ये मूर्खतापूर्ण चाल विश्व में उसके लिए घटक तो है हाई साथ हाई एक देश के रूप में नैतिकता को नित नयी गिरावट को भी दिखा रही है।
चीन की हालत अभी ऐसी है कि, एक ओर वह अरुणाचल को लेकर भारत से, तो उधर ताइवान और होंगकोंग से साथ उलझा है, साथ ही दक्षिण चीन सागर में अपनी हलचल को लेकर आए दिन कई छोटे बड़े देश के साथ टकराव की स्थिति में रहता है।
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इन सभी से कुछ हो ना हो, चीनी जनता को भारी नुक़सान होना तय है। किसी भी स्थिति में युद्ध में आंतरिक विद्रोह का एक नया अध्याय लिख देगी।