जबसे तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर अपनी सत्ता स्थापित की है तब से हर रोज वहां से कई लोगों को रेस्क्यू कर निकाला जा रहा है। तालिबानियों की क्रूरता को देखते हुए अफगानी खुद ही वह देश छोड़कर बाहर निकलना चाहते हैं।
हाल ही में काबुल से कुछ लोगों को रेस्क्यू कर जा रहे विमान में एक ब्रिटिश सैनिक को 2 सप्ताह के बच्चे को संभालते हुए देखा गया जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। इस तस्वीर पर लोगों ने अपना खूब सारा प्यार दिया और सैनिक की तारीफ की बता दें कि यह बच्चा एक अफगानी है जिसकी मां पहली बार यात्रा के दौरान बेहोश हो गई थी और वह बच्चा उसके हाथ से गिर पड़ा जिसके बाद की 31 वर्षीय ब्रिटिश सैनिक ने 2 घंटे तक उस बच्चे को संभाला।
जानकारी के मुताबिक आईएसआईएसआई के जानलेवा बमबारी के कुछ घंटों बाद लिविंगस्टोन शरणार्थियों और उपकरणों को अंतिम बचाव उड़ान को लेकर उड़ान भरने की जिम्मेदारी थी। इस पर सैनिक का कहना था कि पहली बार उड़ान भरने के कारण बच्चे की मां परेशान हो गई था और बच्चा उनसे संभाल नहीं रहा था । ऐसे में उन्होंने उनकी मदद की ।
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लिविंगस्टोन ने कहा, “हम सभी को मिल गया और इस परिवार पर मेरी नजर गई, जिसमें एक माँ और पिताजी, तीन बहनें और एक भाई थे। बहनों में से एक सदमे या थकावट से बिल्कुल चूर थी इसलिए हमने बिना किसी दवाई के बस उसे खाना देने पर ध्यान दिया और मैं उनके पिताजी के साथ मिलकर उन्हें खाना देने के काम में लगा था।”
आगे उनका कहना था, “थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि मेरी आंख के कोने में फर्श पर कुछ गिर रहा है। मैंने देखा कि मां हाथ-पांव मार रही है और महसूस किया कि एक बच्चा उसकी गोद से गिर गया है। मां इतनी थक गई थी, वह उसे उठा तक नहीं पा रही थी। अपनी आंखे खुली रखना और बच्चे को उठाना उसके मानो बस में नहीं था। उन्होंने आगे बताया, “मैंने इस बच्चे को उठाया , जिसका वजन बेहद कम था लेकिन मां इतनी थक गई थी कि वह उसका वजन सह नहीं सकी।”
बता दें कि मां की यह स्थिति देखकर ब्रिटिश सिपाही ने बच्चे को अपनी गोद में ले लिया और जब उस मां को होश आया तो विमान की सीट पर का प्रयोग करते हुए उसकी मां के शरीर के साथ उसे बांध दिया लेकिन महिला की स्थिति तब भी इतनी अच्छी नहीं थी कि वह अपने बच्चे को संभाल सके।
लिविंगस्टोन ने बताया “तो मैं चला गया और कहा कि आपको वास्तव में सोने की ज़रूरत है। कृपया मुझे इस बच्चे को आधे घंटे के लिए अपने पास ले जाने दें ताकि आप अपनी आँखें बंद कर सकें और थोड़ा अच्छा महसूस कर सकें। बता दें कि उस महिला को समझ नहीं आया कि सिपाही ने अंग्रेजी में क्या कहा था। लेकिन वह समझ सकती थी कि वह बच्चे की देखभाल करेगा। उसने सिपाही की ओर देखा जैसे कह रही हो “क्या यह ठीक है ? क्या मैं अब सोने जा सकती हूँ ? क्या मेरा बच्चा तुम्हारे साथ ठीक रहेगा ?” फिर सिपाही ने बच्चे के कानों को ढक दिया और दुबई की यात्रा तक मां आराम से सो गई । सैनिक ने बड़ी सहजता से कहा कि मैंने वही किया , जो मैं कर सकता था । मेरी भी दो बेटियां है और मैं बस मदद कर सकता था ।
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