Written By : Amisha Gupta
काशी में देवताओं की दीपावली का पर्व मनाने की तैयारी जोरों पर है।
भगवान शिव की नगरी को विशेष रूप से सजाया गया है, और शहर का माहौल भक्तिमय हो गया है। कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी से ही गंगा तट पर देव दीपावली की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर वाराणसी के घाटों पर लाखों दीयों से रोशनी की जाएगी, और यह प्रकाशोत्सव आध्यात्मिकता और श्रद्धा का अनोखा संगम बनकर उभरेगा। इस बार देव दीपावली पर पितरों और शहीदों को भी विशेष श्रद्धांजलि दी जाएगी।
गंगा के तट पर दीप जलाकर पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाएगी।
साथ ही, देश के शहीदों के सम्मान में भी दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। इस परंपरा से न केवल भक्तों को अपने पूर्वजों और देशभक्तों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर मिलेगा, बल्कि यह उन्हें उनके त्याग और बलिदान को भी याद दिलाएगा।
गंगा स्नान के साथ-साथ घाटों पर विशेष आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है। हर वर्ष की तरह, इस बार भी देव दीपावली में लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे, जो देश के विभिन्न कोनों से यहां आते हैं। इस मौके पर बनारस के घाटों पर विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, और प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई व्यवस्थाएं की हैं। देव दीपावली का यह पर्व बनारस की आध्यात्मिकता को एक नई ऊंचाई पर ले जाता है। गंगा के पवित्र तट पर यह प्रकाशोत्सव इस शहर की समृद्ध परंपरा और संस्कृति को दर्शाता है और श्रद्धालुओं के दिलों में एक नई ऊर्जा का संचार करता है।