अमेरिका में एक नए शोध के दौरान पाया गया है कि प्रेग्नेंसी की शुरुआत में स्मोकिंग से भविष्य में होने वाली प्रेग्नेंसीज में अपेक्षाकृत छोटा बच्चा होने की आशंका होती है इन दोनों तथ्यों के बीच लिंक पर अध्ययन के साथ शोध के परिणाम सामने आए हैं बता दें कि यह अध्ययन ‘पीएलओएस वन जर्नल’ में प्रकाशित हुआ है. निष्कर्षों के दौरान पता चला कि स्मोकिंग न करने वाली महिलाओं की अपेक्षा जो महिलाएं अपनी पहली गर्भावस्था की शुरुआत में स्मोकिंग करती हैं, उन्हें दूसरी बार प्रेग्नेंसी में अपेक्षाकृत छोटा बच्चा होता है
रिसर्च के मुताबिक भले ही महिला ने दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग छोड़ ही क्यों न दी हो, उसके होने वाले बच्चे पर असर पड़ता है प्रेग्नेंसी की शुरुआत में स्मोकिंग का गहरा असर पड़ता है जो अगली प्रेग्नेंसी से होने वाले बच्चे के जन्म और जन्म के समय उसके वजन तक को प्रभावित करता है. इसके अलावा यह उसके गर्भ में उसके विकास को प्रभावित कर देता है. इससे बच्चा प्रिस्क्राइब्ड हफ्तों में जितना विकसित हो जाना चाहिए था, उससे छोटा रह जाता है
शोध के दौरान पता चला कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग नहीं करती हैं उनके होने वाले बच्चों में यह खतरा कम या नहीं होता है बता दे की शोध दल ने 2003 और 2018 के बीच लगभग 17,000 माताओं के डेटा का अध्ययन किया जिसके बाद निकले निष्कर्ष में कहा गया है कि प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग और जन्म के समय बच्चे के वजन के बीच गहरा जैविक संबंध है. हालांकि ऐसी प्रेग्नेंसी को लेकर ज्यादा अध्ययन अभी तक नहीं किया गया था
वही ताजा अध्ययन में कहा गया है कि जो महिला प्रेग्नेंसी की शुरुआत में और उसके दौरान स्मोकिंग नहीं करती है, उसके बच्चे को अपेक्षाकृत कम रिस्क होता है. लेकिन प्रेग्नेंसी की शुरुआत में स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को जोखिम उठाना पड़ सकता है बता दें कि स्मोकिंग से बच्चे का वजन में सीधा प्रभाव पड़ता है वहीं वह समय से पहले भी जन्म ले सकता है. प्री म्योच्योर डिलिवरी की आशंका भी होती है