नबीला शगुफी की रिपोर्ट
तुलसी गेबार्ड अगले साल अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने जा रही हैं। बता दें कि हवाई से सीनेटर के पद पर काबिज होने के बाद तुलसी ने भगवद् गीता पर हाथ करके राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने का फैसला किया। हवाई से सीनेटर होने के बाद वो अमेरिका की पहली हिंदू सांसद बन गई हैं। तुलसी भारतीय मूल की नहीं हैं बल्कि हिंदू परिवार से ताल्लुक रखती हैं। भारतीय मूल की अमेरिकी कमला हैरिस भी अगले हफ्ते डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवारी का ऐलान कर सकती हैं। गेबार्ड ने बताया कि मैंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का फैसला किया है और मैं अगले सप्ताह इसके बारे में औपचारिक ऐलान करूंगी। ।
माना जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी स्थार् प्रतिनिधि का पद छोड़ चुकी निकी हेली भी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से चुनाव लड़ सकती हैं। निकी हेली अमेरिका कैबिनेट में शामिल होने वाली भारतीय मूल की पहली अमेरिकी नागरिक हैं। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप की ओर से इस बारे में अब तक कोई बयान नहीं आया है। गेबार्ड का कहना है कि यह फैसला मैंने काफी सोच समझ कर किया है और इस फैसले को लेने के लिए मेरे पास कई वजह हैं। अमेरिकी लोगों के समक्ष मौजूदा समय में कई चुनौतियां हैं और मैैं इसे लेकर फ्रिकमंद हूं और मैं इसका समाधान करने में मदद करना चाहती हूं।
तुलसी ने ये भी कहा कि मुख्य मुद्दा युद्ध और शांति का है। मैं इस पर काम करने को लेकर आशान्वित हूं और गहराई में जाकर इस पर बात करूंगी। राजनीति में आने से पहले तुलसी गेबार्ड अमेरिकी सेना की ओर एक साल के लिए इराक में तैनात रह चुकी हैं। तुलसी सैन्य पृष्ठभूमि से हैं। बावजूद इसके तुलसी ने सीरिया में अमेरिका के दखल का विरोध किया है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद से मुलाकात को लेकर वे आलोचना का शिकार भी हुई थीं। तुलसी भारत-अमेरिका के संबंधों की समर्थक हैं। वह प्रधानमंत्री का भी समर्थन करती हैं। तुलसी आतंकवाद का विरोध हैं इसे लेकर उन्होंने पाकिस्तान के अमेेरिका की आर्थिक मदद में कटौती का भी समर्थन किया था।