हालांकि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया फिर भी आर्मी चीफ ने जोर देकर कहा कि, ‘हम लोगों के यहां यह नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि आर्मी कानून से बढ़कर नहीं है लेकिन संविधान द्वारा सेना को कुछ छूट ज़रूर दी जानी चाहिए.
न ही हम लोग आधुनिक हैं और न ही हमारा पश्चिमीकरण हुआ है. एलजीबीटी का मुद्दा हम लोगों को स्वीकार्य नहीं है.’ उन्होंन कहा कि इससे निपटने के लिए पर्याप्त कानून हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सेना कानून के ऊपर नहीं है। रावत ने कहा, ‘हम सेना में ऐसा नहीं होने देंगे.
उन्होंने पाकिस्तान को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि आतंकवाद और वार्ता दोनों एक साथ नहीं हो सकती है, इसलिए बंदूकों को छोड़ो और हिंसा बंद करो.
यह बात जनरल रावत ने राजधानी दिल्ली में आयोजित सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। जहां कश्मीर मसले पर बड़ा बयान देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद और बातचीत एक-साथ संभव नहीं है.
रावत ने कहा कि तालिबान मामले की तुलना जम्मू-कश्मीर से बिल्कुल नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हमारी शर्तों पर ही बातचीत होगी