हरियाण के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रोहतक स्थित आवास पर सीबीआई ने शुक्रवार को छापा मारा है। बताया जा रहा है कि जिस समय सीबीआई की छापे मारी हुई उस समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा घर पर ही थे।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर सीबीआई ने नए केस दर्ज किए है। केस 2004 से 2007 के बीच हुए जमीन आवंटन से जुड़े है। बता दें कि सीबीआई ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और एजेएल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।
आपको बता दें कि इससे पहले भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कई मामलों में शिकंजा कसा जा चुका है। बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले हुड्डा के शासनकाल को मुद्दा बनाया था और सत्ता हासिल करते ही विभिन्न मामलों की जांच करवाई।
यही नहीं हाल ही में हरियाणा के राज्यपाल नारायण आर्य ने बहुचर्चित एजेएल मामले में सीबीआई को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री पर एजेएल को उसके अखबार नैशनल हेरल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के खिलाफ जमीन अलॉट करने का आरोप है। मौजूदा बीजेपी सरकार ने साल 2016 में यह मामला सीबीआई के सुपुर्द कर दिया था।
जाने पुरा मामला
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान हुड्डा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष थे, एजेएल को साल 2005 में हुड्डा के मुख्यमंत्रित्वकाल में बड़ी राहत उस समय मिल गई जब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन होने के नाते तब के मुख्यमंत्री हुड्डा ने एजेएल को यह जमीन दोबारा से अलॉट करवाने का रास्ता तैयार कर दिया। बताया जाता है कि तब हुड्डा के तत्कालीन मुख्य प्रशासक ने तर्क दिया था कि पुरानी कीमत पर जमीन को आवंटित करना संभव नहीं है। बावजूद 28 अगस्त 2005 को पंचकूला की जमीन 1982 की दर पर ही एजेएल को अलॉट हो गई।
उसी दौरान भूखंड फिर से एजेएल को आवंटित किया गया था। हुड्डा व AJL पदाधिकारियों पर वर्ष 2005 में अवैध तरीके से भूखंड को फिर से आवंटित करने का आरोप है। पंचकूला के सेक्टर 6 में भूखंड संख्या सी-17 को 29 जून, 2005 को एजेएल को फिर से आवंटित किया गया था। यह भूमि करीब 3,360 वर्गमीटर थी।