जहां एक तरफ तालिबानियों की क्रूरता है वहीं दूसरी तरफ काबुल हवाई अड्डे पर बढ़ती भीड़ ऐसे में काबुल हवाई अड्डे पर हुए इस हमले ने लोगों में दहशत के स्तर को कई गुना बढ़ा दिया है। काबुल हवाई अड्डे पर हुए हमले में 40 लोगों की जान जा चुकी है वहीं 120 लोग घायल बताए जा रहे हैं अफगान के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा यह सूचना दी गई है।
इस धमाके के बाद भीड़ में अफरा-तफरी का माहौल देखा जा सकता है। साथ ही कुछ ऐसी तस्वीरें अफगान से बाहर आई है जिसमें कि लोगो की गंभीर अवस्था और बहते लहू को देखा जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक काबुल हवाई अड्डे पर बढ़ती भीड़ को 1 दिन पहले से ही होने वाले आशंकाओं को देखते हुए हवाई अड्डे से दूर रहने की सलाह दी जा रही थी। लेकिन तालिबानियों की क्रूरता से तंग आकर हर कोई यही चाहता है कि वह जल्द से जल्द अफगान छोड़कर कहीं और चले जाए। ऐसे में हुए इस हमले को पश्चिमी देशों का हमला बताया जा रहा है।
काबुल हवाई अड्डे पर हुए इस हमले को लेकर अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि ‘निश्चित तौर पर माना जा रहा है कि काबुल हवाई अड्डे के पास हुए हमले के पीछे आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट का हाथ है। इस्लामिक स्टेट समूह तालिबान से अधिक चरमपंथी है और इसने असैन्य नागरिकों पर कई बार हमले किए हैं। काबुल हवाईअड्डे पर हुए हमले की पुष्टि अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने भी की थी। हालांकि, रूस के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर इस हमले में हताहतों के संबंध में जानकारी साझा की है।
एक अमेरिकी अधिकारी द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक इस हमले में घायल हुए लोगों में अमेरिकी सेना के जवान भी शामिल हैं। उनका कहना था कि क्षेत्र को निशाना बनाए जाने के बावजूद निकासी अभियान के लिए काबुल हवाईअड्डे से उड़ान भरी जा रही हैं। इस पर पेंटागन के एक प्रवक्ता जॉन किर्बी का कहना था कि एक धमाका हवाईअड्डे के प्रवेश द्वार के पास हुआ जबकि दूसरा एक होटल से कुछ दूरी पर हुआ। वहीं अफगानिस्तानी व्यक्ति का कहना था कि काबुल हवाई अड्डे के एक द्वार के बाहर इंतजार कर रही भीड़ के बीच हुए धमाके के बाद उसे कुछ लोग मृत या घायल दिखे।