न्यूज़ डेस्क, रायपुर। नगर निगम के वार्डों में बिना साफ-सफाई कराए लाखों का बिल हर महीने पास कराकर ऐश करने वाले ठेकेदारों को तगड़ा झटका लगा है।
दरअसल, निगम के अधिकारियों पर दबाव बनाकर सालों से निगम का खजाना खाली करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने वाले सफाई ठेकेदार मंत्री को अपना रिश्तेदार बताकर मनमानी की सारी हदे पार कर रहे थे। जनप्रतिनिधि भी चुप थे, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी विजय पांडेय को यह नागवार गुजरा।
उन्होंने वार्डों में जाकर सफाई कामगारों की गिनती शुरू की तो ठेकेदारों की पोल खुलने लगी।
मौके पर आधे से भी कम कामगारों की उपस्थिति पकड़ी। बिल रोकने के साथ तगड़ा जुर्माना ठोंकने से नाराज ठेकेदार ने तबादला कराने की धमकी दी, हुआ भी यही।
सफाई में कार्रवाई पर शाबासी की जगह 13 महीने शेष बची नौकरी में तबादले का इनाम पाए स्वास्थ्य अधिकारी पांडेय ने हार नहीं मानी, हाइकोर्ट से स्टे ले आए। अब ठेकेदार सहमे हुए हैं।
जब अफसर ही करे बवाल
बिलासपुर के भूगोल बार में पुलिस अफसरों की पार्टी में हुए जमकर बवाल ने पूरे सूबे की पुलिसिंग पर सवाल खड़ा किया है। यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी पुलिस अफसरों के विवाद की खबरें सामने आ चुकी हैं। जब कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाले ही खाकी की गर्मी में विवाद को बढ़ावा देने लग जाए तो अपराधियों से क्या उम्मीद की जा सकती है।
दरअसल, बार में पुलिस अफसर दंपत्ति को बाउंसर ने भीतर जाने से रोक दिया था। इसे लेकर विवाद इतना बढ़ा की हाथापाई के बाद देर रात तक हंगामा चला। मौके पर जब तक पुलिस की टीम पहुंचती बाउंसर भाग चुका था। इस घटना ने पुलिस के साथ पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले को तूल पकड़ता देख सीएम ने आनन फ़ानन में जांच के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस मुखिया ने लगे हाथों में रातो-रात डीएसपी सृष्टि चंद्राकर को कोंडागांव और रश्मित कौर चावला तबादला करके पुलिस की साख बचाने की कोशिश की।