मोहम्मद हसनैन की रिपोर्ट
शिवहर—-डीएम कक्ष में जिला पदाधिकारी अरशद अजीज की अध्यक्षता में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा खसरा- रूबेला से मुक्त करने के लेकर एक आम बैठक की गई।
खसरा -रूबेला एमआर टीकाकरण अभियान के लिए जिला पदाधिकारी ने उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के साथ मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा है कि या टीकाकरण अभियान बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत ही जरूरी है जो 9 माह के बच्चों से लेकर 15 साल तक के बच्चों को मिज़ल्स रूबैला का एक टीका दिया जाना है।
डीएम ने बताया है कि समुदाय को इकट्ठा करने के लिए एएनएम और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर संपर्क करने की योजना बनाएं और उसका पालन करें ,बच्चों को टीका लगवाने के लिए माता-पिता को प्रोत्साहित करने के लिए समुदाय के नेताओं के साथ लेकर जाएं।
जिलाधिकारी अरशद अजीज ने उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों एवं मीडिया कर्मियों को कहा है कि राष्ट्रीय खसरा- रूबेला टीकाकरण अभियान शिवहर जिले में 205196 बच्चे को टीका करण करने का लक्ष्य निर्धारित है इसके लिए जिले में 125 टीका कर्मी तथा पर्यवेक्षक लगाए जाएंगे।
इसके लिए सभी विद्यालयों में शिक्षकों , प्रधानाध्यापकों, आंगनवाड़ी सेविका, आशा, एएनएम ,डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया जा चुका है ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को टीकाकरण किया जा सके।
बच्चों को प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा अधिकृत किया जाएगा सभी प्रतिरक्षण स्थल चाहे वह विद्यालय हो अथवा बाहर में आयोजित सत्र स्थल हो वे सभी पूर्ण रूप से किसी भी विपरीत परिस्थिति उत्पन्न होने से निपटने के लिए पूर्ण रूप से उपलब्ध होंगे।
जबकि प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर दयानंद मलिक ने बताया है कि इस अभियान में दिए जाने वाले खसरा रूबेला टीका काफी सुरक्षित एवं प्रभावशाली है, तथा यह भी उल्लेखनीय है कि विश्व भर में पिछले 40 वर्षों से उपयोग किया जा रहा है, अपने देश में प्राइवेट चिकित्सकों द्वारा बहुत वर्षों से एमआर/ एमएमआर टीका के रूप में उपयोग किया जा रहा है, विश्व में 149 देशों में यह टीका का उपयोग किया जा रहा है तथा यह टीकाकरण बच्चों के लिए बेहद ही लाभदायक है।
जबकि जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ ए के झा ने बताया है कि स्कूल में टीकाकरण अभियान शिक्षकों की उपस्थिति में आयोजित की जाएगी हालांकि अगर अभिभावक चाहे तो वह अपने बच्चों के टीकाकरण के दौरान उपस्थित रह सकते हैं।
जबकि सिविल सर्जन डॉ दयानंद मलिक ने बताया है कि खसरा एक जानलेवा बीमारी है, और बच्चों में अंपगता और मृत्यु के बड़े कारणों में से एक है ,खसरा एक संक्रामक रोग है और यह एक प्रभावित व्यक्ति द्वारा खांसने और छिकने से फैलता है ,जबकि रूबेला रोग से गर्भवती स्त्री में गर्भपात ,अकाल प्रसव और मृत प्रसव की संभावनाएं बढ़ जाती है इससे निजात पाने के लिए टीकाकरण लेना अति आवश्यक है।
बैठक में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी मनन राम,अनुमंडल पदाधिकारी मोहम्मद आफाक अहमद ,प्रभारी सिविल सर्जन दयानंद मलिक जिला शिक्षा पदाधिकारी मोहम्मद मसलेउद्दीन , जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर ए के झा, जिला योजना पदाधिकारी उमा शंकर पाल सहित स्वास्थ्य विभाग के संबंधित पदाधिकारी आदि मौजूद थे।