बंगाल में चौथे चरण के चुनावों से पहले लगातार सियासत जोर पकड़ रही है। वार-पलटवार की सियासत लगातार तल्ख होती जा रही है। वहीं इस बीच केंद्रीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी को नोटिस भेजा है। ममता बनर्जी को ये नोटिस अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे ना होने वाले बयान को लेकर भेजा गया है। इस नोटिस में ममता बनर्जी को 48 घंटे में जवाब देने के लिए कहा गया है।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी रैलियों में संबोधन के दौरान ममता बनर्जी के बयान का जिक्र करते हुए धर्म के आधार पर वोट मांगने और बंटवारे की राजनीति करने का आरोप लगाया था। पीएम मोदी ने एक रैली में निशाना साधते हुए कहा थ कि आदरणीय दीदी, अभी हाल में आपने कहा कि सभी मुसलमान एक हो जाओ, वोट बंटने मत दो। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन अगर हमने ये कहा होता कि सारे हिंदू एकजुट हो जाओ, बीजेपी को वोट दो तो हमें चुनाव आयोग के 8-10 नोटिस मिल गए होते। सारे देश के संपादकीय हमारे खिलाफ होते।
इससे पहले बीजेपी ने ममता बनर्जी के बयान को लेकर पांच अप्रैल को चुनाव आयोग में आपत्ति दर्ज कराते हुए शिकायत भी की थी। वहीं केंद्रीय चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के बयान को आपत्तिजनक बताया है।
हालांकि ममता बनर्जी मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों को लगातार खारिज करती रही हैं। ममता बनर्जी ने एक रैली के दौरान निशाना साधते हुए कहा था कि कुछ लोग कहते हैं कि मैंने मुस्लिमों का तुष्टिकरण किया है। मैं उन्हें बताना चाहूंगी कि जब से मैं यहां हूं हिंदू और मुस्लिम अच्छे से रह रहे हैं। अगर मैं नहीं होती तो ऐसा नहीं होता। अब देखने वाली बात ये होगी कि ममता बनर्जी अपने बयान को लेकर चुनाव आयोग को क्या जवाब देती हैं। साथ ही चुनाव आयोग क्या ममता बनर्जी के जवाब से संतुष्ट होगा।