प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ संवाद किया। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के चलते इस बार आपसे वर्चुअल तरीके से बात करनी पड़ रही है। पीएम मोदी ने कोरोना संकट के दौर में छात्रों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि छात्रों को परीक्षा का डर नहीं होता। वो हर साल होती है। परीक्षा ही सब कुछ नहीं होती। असल में आसपास का माहौल भी छात्रों प्रभावित करता है। दबाव का माहौल नहीं बनाना चाहिए। बच्चों को घर में तनाव मुक्त माहौल जीवन जीना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने छात्रों को सफलता के कई मंत्र दिए। पीएम मोदी के संवाद की बड़ी बातें आपको बताते हैं।
उन कामों की लिस्ट बनाएं जो कभी आपको मुश्किल लगा करती थीं, लेकिन अब आप उन्हें बेहद आसानी के साथ पूरा करते हैं। ये आपको प्रेरित करेगा।
किसी भी विषय का मुश्किल लगना आपकी असफलता नहीं है। आप ऐसे किसी विषय से भागें नहीं। उसे समय दें। शिक्षक विद्यार्थियों को टोकें रोकें नहीं। प्रोत्साहित करें।
सफल व्यक्ति हर विषय में पारंगत नहीं होता। वो किसी एक विषय में विशेषज्ञ होता है।
परीक्षा के नतीजों से बच्चों की प्रतिभा का आकलन नहीं करना चाहिए।
पेरेंट्स को बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताना चाहिए। उन्हें घर में तनावमुक्त माहौल देना चाहिए।
परीक्षा जीवन में महज एक पड़ाव है। ये सब कुछ नहीं है। इसे लेकर मन में डर नहीं उत्साह होना चाहिए।
हम बीते एक साल से कोरोना के साये में रह रहे हैं और इसकी वजह से मुझे व्यक्तिगत रूप से आपसे मिलने का मोह छोड़ना होगा और नए प्रारूप में ‘परीक्षा पे चर्चा के पहले डिजिटल संस्करण में आपके साथ जुड़ रहा हूं।
परीक्षा को अवसरों के तौर पर देखें, ना कि जीवन के सपनों के अंत के तौर पर।