बिहार में बनाए जाएंगे पांच और नए बिजली ग्रिड।बिहार ने प्रस्तावित इन ट्रांसमिशन ग्रिडों को बनाने के लिए केंद्र सरकार से राशि की मांग की है।बता दें कि बिहार ने केंद्र सरकार से बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड मद में बकाया राशि में से 490 करोड़ की मांग की है
जिससे इन ग्रिडों का निर्माण हो सके।हालाँकि बीते दिनों ही बिजली कंपनी ने औरंगाबाद जिले के दाउदनगर और नवीनगर, गया जिले के भोरे और बाराचट्टी के अलावा बगहा में ग्रिड बनाने का निर्णय लिया था।
बिहार में बनेंगे पांच नये बिजली ग्रिड,जानिए कौन से जिलों को मिलेगा लाभ?
बता दें कि इन ग्रिडों के निर्माण से गया, औरंगाबाद, पश्चिमी चम्पारण के अलावा आसपास के जिलों को भी लाभ होगा।वैसे तो इन जिलों में ट्रांसमिशन ग्रिड अधिक दूरी पर है और ऐसे में जब बिजली आपूर्ति व्यवस्था में कोई खराबी आती है तो न केवल ये जिले बल्कि इससे सटे आसपास के जिलों में भी उसका असर होता है।इन्ही पांचों ग्रिडों के निर्माण से बिजली आपूर्ति व्यवस्था और बेहतर हो जाएगी।इसी के उद्देश्य से बिजली कंपनी ने इन पांचों ग्रिडों का निर्माण करने का निर्णय लिया है।
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132/33 केवी की क्षमता के ट्रांसमिशन ग्रिड का प्रस्ताव कंपनी ने नीति आयोग को भेजा था।नीति आयोग ने इस पर ग्रिड बनाने के लिए दावा की गई राशि 490 करोड़ के समर्थन में आवश्यक दस्तावेजों की मांग की है।
बता दें कि इस पर बिहार सरकार ने दुबारा केंद्र सरकार को पत्र लिखकर ग्रिड से संबंधित पूरी जानकारी मुहैया कराई गई।इसके आलावा सात दिसम्बर को ही योजना एवं विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी द्वारा इस बाबत नीति आयोग को पत्र भेजा दिया गया है।
बीआरजीएफ के तहत बिहार का 500 करोड़ का बकाया है और उसी बकाए राशि में से पांच ग्रिड बनाने के लिए केंद्र सरकार से राशि मांगी गई है।
इस पत्र में कहा गया है कि बीआरजीएफ के तहत ऊर्जा परियोजनाओं पर काम होना है।इस मद में 489 करोड़ 93 लाख खर्च होने हैं।चूंकि बीआरजीएफ मद में बिहार का केंद्र पर अब भी 510 करोड़ 60 लाख बकाया है और इसलिए बिहार को बीआरजीएफ की बकाया राशि में से ही 490 करोड़ स्वीकृत किये जाएं, जिससे पांचों ग्रिड का निर्माण हो सके।
फिलहाल राज्य सरकार को भरोसा है कि केंद्र सरकार ग्रिडों के निर्माण के लिए बीआरजीएफ की बकाया राशि स्वीकृत करेगी।गौरतलब है कि बीआरजीएफ की राशि 12वीं पंचवर्षीय योजना की ही है।