जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक जारी है. इसमें कारोबारियों के लिए खासकर रियल सेक्टर से जुडे आम लोगों को एक बड़ी राहत टैक्स दर में कमी के रूप में मिल सकती है. बैठक में अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट-मकानों पर GST दर को घटाकर 5 फीसदी करने पर विचार हो सकता है.
इससे पहले जीएसटी काउंसिल ने 22 दिसंबर को अपनी पिछली बैठक में 28 फीसदी के टैक्स स्लैब को और तर्कसंगत बनाते हुए 26 वस्तुओं व सेवाओं पर टैक्स की दर कम कर दी थी.
टैक्स गणित- राहत और समस्या भी:
अभी निर्माणाधीन प्रॉपर्टी खरीदने पर उसकी कीमत में से एक तिहाई कीमत घटाकर (जमीन की कीमत हटाने के लिए) शेष कीमत पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है. जैसे फ्लैट की कीमत 50 लाख है तो इसमें एक तिहाई कीमत घटाने पर 35 लाख रुपए का फ्लैट होता है और इस पर 18 फीसदी जीएसटी यानि 6.30 लाख रुपए का टैक्स भार ग्राहक पर आता है.
नए समीकरण में फ्लैट की पूरी कीमत पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा, यानि कि 50 लाख के फ्लैट पर 5 फीसदी की दर से ग्राहक को ढाई लाख रुपए टैक्स देय होगा. हालांकि, जानकारों का यह भी कहना है कि आईटीसी मिलने के कारण बिल्डर पर टैक्स का भार 3 से 5 फीसदी आता है, लेकिन अब नए समीकरण में पूरा 5 फीसदी टैक्स भार आएगा, बिल्डर इस भार को सहने की बजाय माल की कीमत बढ़ाएगा.