नबीला शगुफी की रिपोर्ट
पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने पाक को लेकर तीखे तेवर अपनाए हैं। पाकिस्तान की प्रथम महिला विदेश मंत्री रह चुकी हिना ने कहा कि पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण संबंध अमेरिका या अन्य देशों के साथ होने के बजाए भारत और अन्य पड़ोसी देशों के साथ होना चाहिए।। और अगर लड़ाई से कश्मीर को नहीं जीत सकते तो हमारे पास बस एक ही विकल्प बचता है कि भारत से बातचीत ही कर ली जाए। हिना का कहना है कि सिर्फ बातचीत ही एक रास्ता है, जिससे आप अपने रिश्तों को बेहतर बना सकते हैं और आपसी विश्वास बना कर रख सकते हैं, कश्मीर जैसे नाजुक मुद्दे को हम बातचीत के जरिए ही सुलझा सकते हैं।
हिना का कहना है कि उनके कार्यकाल के दौरान ही अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मई 2011 में एक अमेरिकी सैन्य अभियान में मारा गया था। हिना ने कहा कि पाकिस्तान को अमेरिका से ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। हिना का ये भी कहना है कि पाकिस्तान को अफगान के युद्ध से पीछे हट जाना चाहिए क्योंकि इस यु्द्ध में सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को ही भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अमेरिका को उतना महत्व नहीं दिया जाना चाहिए जितना दिया जाता है, पाकिस्तान की आर्थिक रुप से अमेरिका पर निर्भर नहीं है जैसा कि व्यापक रुप से माना जाता है। ये सारी बातें हिना ने पाकिस्तान के थिंक फेस्ट के दौरान कही हैं। अमेरिका-पाक के संबंधों को लेकर पाकिस्तान ने हमेशा ही खुद के एक पूर्ण रणनीतिक साझेदार होने की कल्पना की है जो दूर की बात है। डॉन में रविवार को आई एक खबर के मुताबिक, पूर्व विदेश मंत्री ने कहा है कि पाकिस्तान अपने हाथों में भिक्षा पात्र रख कर सम्मान हासिल नहीं कर सकता।
बता दें कि हिना का यह बयान पहली बार नहीं है बल्कि भारत- पाक के रिश्ते को लेकर वो पहले भी इस तरह के बयान दे चुकी हैं। पाक न्यूज चैनल को दिए गए एक बयान में हिना ने ये भी कहा कि पाकिस्तान भारत से लड़ाई पाकिस्तान को नहीं जीत सकता