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इस दुलर्भ प्राणी की जीभ से बनती है एचआईवी की दवाईयां, 14 करोड़ 45 लाख रुपये तक है कीमत

हाल ही में एक ट्ववीट तेजी से वायरल हो रहा है। और इस वायरल ट्वीट को देश भर से तारीफ़ मिल रही है। यह खबर आपको हैरान कर देंगी। आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी कि इंसानियत सभी मान्यताओं से सर्वोपरि है।

प्रतीकात्मक तस्वीर


एक वरिष्ठ पत्रकार वन्यजीवन कार्यकर्त्ता जयंत दास ने हाल में लुप्त हो रहे टोके गेको को बचाया, जो सामान्य तौर पर असम और दूसरे पूर्वोत्तर राज्य में में पाया जाता है। उन्होंने इस घटना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कैसे टोको गेको कीड़े को सरीसृप के अवैध शिकारियों से लड़ने के बाद उनके चंगुल से छुड़ाया गया। साथ ही उन्होंने ट्ववीट कर यह दावा किया है कि शिकारी उन्हें 20 लाख रूपये की रिश्वत दे रहे थे।

प्रतीकात्मक तस्वीर


लेकिन वह उस जगह से भागने में सफल रहे। पत्रकार जयंत दास ने कहा उन्हें पैसे खोने का कोई पछतावा नहीं है बल्कि सरीसृप को बचाने में गर्व महसूस हो रहा है। आप बता दे कि ऐसा माना जाता है चीन और कोरिया में गेको के दाम बहुत ज्यादा है। क्योकि उनका मानना है कि यह एचआईवी बीमारी को ठीक कर सकता है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

 

जयंत ने आगे लिखा ट्ववीट पर कि शिकारियों से लड़ने के बाद सरीसृप को मेने जंगल में छोड़ दिया। माना जाता  है इन्हें करीब 14 करोड़ 45 लाख रुपये में खरीदे जाते हैं। ज्यादातर चीन, कोरिया के अरबपतियों द्वारा ये प्राणी खरीदे जाते हैं। ये लोग मानते हैं कि इसकी जीभ से बनी दवाई से एचआईवी के कई बिभिन्न बीमारिया ठीक हो सकती है। धीरे -धीरे लोग इस प्रजाति को अपने फायदे के लिए प्रकृति से नष्ट करते जा रहे है।

WRITTEN BY- RISHU TOMAR 


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