भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लगातार बेहद खतरनाक होती दिख रही है। दुनियाभर के कई देशों में नए वैरिएंट का प्रकोप दिखाई दे रहा है। भारत में एक बार फिर लॉकडाउन की नौबत आ चुकी है। ऐसे में वायरस को लेकर अलग-अलग रिसर्च की जा रही हैं। अभी हाल ही में मेडिकल मैग्जीन लांसेट की एक रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दावा है कि इस बात के ठोस सबूत मिले हैं जो बतातें कि कोविड-19 में पाए जाने वाला सार्स कोव-02 वायरस के के फैलने का सबसे मुख्य जरिया हवा है।
रिपोर्ट जारी करने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि सुरक्षा मनदंडों में बदलाव करने की भी जरूरत है। इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने अपने बात का समर्थन करते हुए कई मजबूत तर्क भी पेश किए हैं और कहा कि इस बात के ठोस सबूत नहीं मिले हैं जो ये साबित कर सकें कि वायरस हवा के जरिए नहीं फैलता है।
अध्ययनों ने पहले संकेत दिया है कि कोरोनावायरस हवा के जरिए फैल सकता है, लेकिन ये पहला ऐसा विश्लेषण है जो कहता है कि प्रमुख रूप से इसके हवाई रास्ते के जरिए फैलने की संभावना है। महामारी के शुरुआती दिनों में, ये माना जाता था कि वायरस तब फैलता है जब संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकली छोटी बंदें किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करती हैं और उसे संक्रमित कर देती हैं।
ब्रिटेन अमेरिका, यूएस और कनाडा के विशेषज्ञों ने मिलकर यहा रिपोर्ट तैयार की है और इसकी समीक्षा करते हुए सबूत के रूप में कई कारण भी बताए हैं।
वायरस के सुपरस्प्रेडिंग इवेंट तेजी से वायरस को आगे ले जाता है। असल में, ये वायरस महामारी के शुरुआती वाहक हो सकते हैं। ऐसे ट्रांसमिशन का बूंदों के बजाय हवा के जरिए होना ज्यादा आसान है। क्वरंटीन होटलों या दूसरी जगहों पर एक-दूसरे से चिपके कमरों में रह रहे लोगों के बीच भी ये संक्रमण देखा गया जबकि दोनों ही लोग एक-दसूरे के कमरे में नहीं गए। रिसर्च में बताया गया है कि वायरस का ट्रांसमिशन बाहर के बजाय अंदर अधिक होता है और अगर अंदर वेंटिलेशन हो तो संभावना काफी कम हो जाती है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि ये वायरस हवा में पाया गया औऱ लैब में वायरस 3 घंटे तक हवा में बना रहा। कोरोना के मरीज के कमरों, गाड़ियों में इसके सैंपल मिलें। इसके अलावा वायरस वाले मरीजों के अस्पतालों के एयर फिल्टर्स और बिल्डिंग में डक्ट्स मिले हैं जो हवा के जरिए ही यहां तक पहुंच सकते हैं। डॉक्टरों ने कहा कि यह वायरस हवा से नहीं फैलता है इसे साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत भी नहीं है।