हरिद्वार महाकुंभ पर कोरोना का संकट गहराता जा रहा है। अब संतों में कुंभ की अवधि को लेकर चल रहे घमासान के बीच पीएम मोदी ने भी कुंभ को खत्म करने की अपील की है। दरअसल उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और कई साधुओं के पॉजिटिव आने के बाद से हरिद्वार कुम्भ का समय से पहले समाप्ती का ऐलान हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतों से बातकर इसका इशारा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतों से अपील की है कि कोरोना संकट के चलते अब कुम्भ को प्रतीकात्मक ही रखा जाए। उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से फोन पर बात कर सभी संक्रमित संतों का हाल जाना। साथ ही उन्होंने संतों से आग्रह किया कि अब कुंभ को कोरोना संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए।
दरअसल पीएम मोदी ने ट्वीट कर अपील की है। पीएम मोदी ने लिखा कि आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।
सरकार ने कुंभ की अवधि एक से 30 अप्रैल तक रखी है। कोरोना संकट के चलते हरिद्वार में चल रहे कुंभ को लेकर निरंजनी अखाड़े ने फैसला लेते हुए 17 अप्रैल को कुंभ मेला खत्म करने का निर्णय लिया है। हालांकि इस फैसले का दूसरे अखाड़े के संतों ने पुरजोर विरोध भी किया है और संतों के बीच कुंभ पर घमासान भी देखने को मिल रहा है।
हरिद्वार कुंभ के शाही स्नान में शामिल होने गए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कोरोना पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जबकि, स्वास्थ्य विभाग की ओर से 200 के करीब साधुओं की कोरोना रिपोर्ट जांच को भेजी है। अभी तक कई साधु-संतों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।