भारत और पाकिस्तान ने अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का शनिवार को आदान-प्रदान किया. दरअसल, दोनों देशों के बीच शत्रुता बढ़ने पर इन प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं किया जा सकता है. विदेश कार्यालय द्वारा दिए गए बयान में यह जानकारी दी गई, दोनों पड़ोसी देशों के बीच यह वार्षिक रस्म तीन दशकों से भी पुरानी है.बयान के मुताबिक दोनों देशों ने अपने-अपने यहां कैद रखे गये एक-दूसरे के नागरिकों की सूची का भी आदान-प्रदान किया, जिनमें आम आदमी, रक्षा कर्मी और मछुआरे शामिल हैं.
बता दें कि पाकिस्तान में स्थित परमाणु प्रतिष्ठानों एवं केंद्रों की सूची यहां विदेश मंत्रालय में आधिकारिक रूप से भारतीय उच्चायोग के एक प्रतिनिधि को शनिवार को सौंपी गई जिसके चलते पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक बयान देते हुए कहा कि इसी तरह, नयी दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की सूची पाकिस्तान उच्चायोग के एक प्रतिनिधि को सौंपी.
पाकिस्तान ने अपने यहां कैद 628 भारतीयों की सूची इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के साथ साझा की. जिसमें 557 मछुआरे भी शामिल हैं वही बयान में कहा गया कि भारत सरकार ने भी अपने देश में कैद में रखे गये 355 पाकिस्तानी नागरिकों की सूची नयी दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के साथ साझा की. इनमें 73 मछुआरे भी शामिल हैं.
बता दें कि मई 2008 में हस्ताक्षर किये गये राजनयिक संपर्क समझौता के प्रावधानों के तहत यह सूची आदान-प्रदान की जाती है. और इस समझौते के तहत दोनों देश हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को व्यापक सूची साझा करते हैं इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान में बंद भारतीय नागरिकों और लापता रक्षा कर्मियों, मछुआरों को उनकी नौकाओं के साथ जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की विदेश मंत्रालय ने बताया कि दो भारतीय नागिरक कैदियों और 356 भारतीय मछुआरों को जल्द से जल्द रिहा करने को कहा गया है वही इन नागरिकों की राष्ट्रीयता की पुष्टि की जा चुकी है.
मंत्रालय के मुताबिक ’31 दिसंबर, 1988 को हस्ताक्षरित और 27 जनवरी, 1991 को लागू हुआ समझौता, अन्य बातों के साथ, यह प्रावधान करता है कि हर साल एक जनवरी को भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे को उन परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों के बारे में सूचित करेंगे, जिन्हें समझौते के तहत शामिल किया गया है. इसके साथ ही ‘उसने कहा, ‘यह दोनों देशों के बीच इस तरह की सूचियों का लगातार 31वां आदान-प्रदान है और एक जनवरी 1992 को हुआ था.