Breaking News
Home / ताजा खबर / INX मीडिया केस : जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पी चिदंबरम, सीजेआई बोबड़े करेंगे सुनवाई

INX मीडिया केस : जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पी चिदंबरम, सीजेआई बोबड़े करेंगे सुनवाई

सेंट्रल डेस्क सिमरन गुप्ता :-   आईएनएक्स मीडिया केस में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने जमानत के लिए सुप्रीमकोर्ट में अपील की है। प्रधान न्यायाधीश एस बोबडे की अगुवाई वाली पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि पूर्ववित्त मंत्री चिदंबरम करीब 90 दिनों से जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका पर मंगलवार या बुधवार को सुनवाई हो। पीठ ने सिब्बल सेकहा कि हम देखेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में 15 नवंबर कोचिदंबरम को जमानत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि उनके खिलाफ लगे आरोप पहली नजर में गंभीरप्रकृति के हैं और अपराध में उनकी सक्रिय एवं प्रमुख भूमिका रही है।


 

चिदंबरम ने यह कहते हुए जमानत का अनुरोध किया था कि साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के हैं और ये जांच एजेंसियों के पास हैं। इसलिए, वह उनमें छेड़छाड़ नहीं कर सकते।

वहीं, ईडी ने जमानत याचिका का जोरदार विरोध करते हुए दलील दी थी कि वह गवाहों को प्रभावित करने तथा धमकी देने की कोशिशकर सकते हैं। चिदंबरम ने उन्हें सीबीआई के मामले में जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के 22 अक्तूबर के आदेश का जिक्र किया और इसबात उल्लेख किया कि यह कहा गया था कि भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ साक्ष्य से छेड़छाड़ करने, विदेश भागने और गवाहों कोप्रभावित करने का कोई सबूत नहीं है।

हाई कोर्ट ने एक नवंबर को चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए तिहाड़ जेल अधीक्षक को उन्हें स्वच्छ वातावरणऔर स्वच्छ पेयजल, घर में पकाया गया भोजन, मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाली मशीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।


 

ईडी का अदालत से चिदंबरम की जमानत नामंजूर करने के आदेश में भूलवश हुई चूक में सुधार का अनुरोध

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि वह आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को जमानत देने से इनकार के अपने आदेश में असावधानीवश हुई चूक में सुधार करे। प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी अर्जीमें अदालत को सूचित किया कि न्यायमूर्ति सुरेश कैत के 15 नवंबर के आदेश में भूलवश/असावधानीवश चूक हुई है। इसके साथ हीनिदेशालय ने अदालत से इसमें सुधार के लिए अनुरोध किया है।

चिदंबरम की जमानत अर्जी खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में किसी अन्य मामले से संबंधित जानकारी पायी गई। यह त्रुटि41 पन्नों के फैसले के चार पैराग्राफ में है। न्यायमूर्ति कैत ने वर्ष 2017 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ पैराग्राफ इसमें जोड़ दिए हैं जोधन शोधन मामले में दिल्ली के वकील रोहित टंडन की जमानत याचिका खारिज करने से संबंधित हैं।

About News10India

Check Also

बिहार में मुसलमानों की बदहाली पर PK का RJD पर बड़ा हमला

मुसलमान 32 साल से राजद को वोट दे रहा है, कोई राजद या तेजस्वी से …

Leave a Reply

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com