भारतीय सेना भारतीय सशस्त्र बलों का सबसे बड़ा भाग है। हमारे पड़ोसी देशों से लगातार आतंकवादी गतिविधि लगी रहती है। भारतीय सेना ने सबसे बड़े सैन्य समर्पण को स्वीकार करने के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाया है। वर्ष 1971 में, 93000 पाकिस्तानियों सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। भारतीय सेना ने कभी भी युद्ध में पहला हमला नहीं किया है। हमारे भारतीय सेना में अधिकारी सशस्त्र बलो में विभिन्न पदों पर काम करते है लेकिन, क्या आप जानते है कि उन बलो में तीन रैंक है जिन्हे शायद ही सम्मान दिया जाता है? यह सबसे विशेष रैंक मानी जाती है। केवल कुछ लोग ही इस पद पर पहुंच पाते हैं।
बात करते हैं तीनों के ‘सर्वश्रेस्ट रैंक’ बारे में-
भारतीय सेना –
भारतीय सेना की सबसे बड़ी रैंक फ़ील्ड मार्शल होती है। पांच सितारा जनरल ऑफिसर के रूप में रैंक किया गया फील्ड मार्शल को जनरल से ऊपर रखा जाता है। एक फ़ील्ड मार्शल के प्रतीक में कमल के फूलों की पुष्पांजलि में एक क्रॉस बैटन और सबर पर राष्ट्रीय प्रतीक शामिल है। फील्ड मार्शल के जीवन के लिए अपना रैंक है। कोई रिटायरमेंट नहीं है और उन्हें उनकी मृत्यु तक सेवा अधिकारी के रूप में माना जाता है। इसका यह भी अर्थ है कि वे पेंशन नहीं लेते हैं। अन्य सेना अधिकारियों की तरह फील्ड मार्शल को किसी भी आधिकारिक अवसर के दौरान पूर्ण वर्दी में होना आवश्यक है।
भारतीय वायुसेना –
सेना के फील्ड मार्शल के समान ही वायुसेना में सबसे उच्चतम रैंक भारतीय वायुसेना मार्शल की है। इसे ज्यादातर औपचारिक क्षमता में सम्मानित किया जाता है। एमआईएएफ को चीफ ऑफ एयर स्टाफ के ऊपर तुरंत स्थान दिया जाता है। यह पांच सितारा रैंक अब तक केवल एक व्यक्ति को प्रदान की गई है- अर्जुन सिंह, डीएफसी। इंग्लैंड के अलावा भारत एकमात्र राष्ट्रमंडल देश भी है, जिसने इस औपचारिक रैंक को एक हवाई अधिकारी के रूप में प्रदान किया है।
भारतीय नौसेना –
सेना के फील्ड मार्शल और भारतीय वायुसेना के मार्शल के जैसे ही फ्लीट के एडमिरल नौसेना में सबसे ऊपर माने जाते हैं।
Written by: Ayushi Garg
https://youtu.be/35rwIZcHkt8