केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यसभा में सोमवार को कहा कि भारत कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का सामना करने के लिए तैयार है।वहीं अगले दो महीनों में टीका उत्पादन की क्षमता 45 करोड़ खुराक प्रति माह होने की उम्मीद है।इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसी भी संकट से निपटने के लिए दवाओं तथा ऑक्सीजन का बफर स्टॉक किया गया है और राज्यों को 48 हजार वेंटिलेटर वितरित किए गए हैं।
देश में कोरोना महामारी की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए मंडाविया ने बताया कि देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत 88 फीसदी पात्र आबादी को टीके की पहली और 59 फीसदी को दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं।इसके साथ ही ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में अब तक इससे संक्रमण के 161 मामलों की पुष्टि हुई है।आगे उन्होंने कहा कि केंद्र इससे निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।
केंद्र विशेषज्ञों तथा राज्यों के साथ लगातार है संपर्क में
देश में कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में मंडाविया ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे चिंताजनक वैरिएंट घोषित किया है तथा सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।आगे उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जनसंख्या पर इस वैरिएंट के असर को समझने के लिए लगातार विशेषज्ञों से तथा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ संपर्क बनाए हुए है।
विदेशों से आने वालों के लिए बनाए गए नए नियम
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने खतरे वाले देशों की पहचान की है जहां पर इस वैरिएंट के मामले सामने आए हैं।ऐसे देशों से यहां आने वाले यात्रियों के लिए भारत पहुंचने पर अनिवार्य रूप से जांच कराने और सात दिन तक आइसोलेशन में रहने तथा सात दिन बाद फिर से जांच कराने का प्रावधान किया गया है।आगे उन्होंने कहा कि हमारी टीका उत्पादन क्षमता बढ़ी है तथा आने वाले समय में इसमें और इजाफा दर्ज किया जाएगा।
दो महीने में हर महीने होगा 45 करोड़ टीकों का उत्पादन
मंडाविया ने कहा कि इस समय हमारी टीका उत्पादन क्षमता 31 करोड़ प्रति माह है और आने वाले दो महीनों में यह आंकड़ा 45 करोड़ हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति के लिए दो और कंपनियों ने अपने टीके का डाटा जमा किया है।इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की पहली तथा दूसरी लहर के दौरान अनुभवों से सबक लेते हुए हमने सभी जरूरी इंतजाम कर लिए हैं।