सेंट्रल डेस्क, फलक इक़बाल :-कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गरीबों को न्यूनतम आमदनी की गारंटी देने का वादा किया है लेकिन इस बात पर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मायावती ने कहा है कि कहीं यह भी पूर्व कांग्रेस सरकार के ‘गरीबी हटाओ’ और मौजूदा सरकार के काले धन, 15 लाख और अच्छे दिन के वादों की तरह नकली तो नहीं? मायावती ने कहा है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों फेल हो चुके हैं और एक ही सिक्के के दो पहलू साबित हुए हैं।
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आपको यह भी बता दें कि सोमवार को छत्तीसगढ़ में किसान आभार रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह ऐलान किया था की, ‘हम एक ऐतिहासिक फैसला लेने जा रहे हैं, जो दुनिया की किसी भी सरकार ने नहीं लिया है। 2019 का चुनाव जीतने के बाद देश के हर गरीब को कांग्रेस पार्टी की सरकार न्यूनतम आमदनी की गारंटी देगी। हर गरीब व्यक्ति के बैंक खाते में न्यूनतम आमदनी रहेगी.’ राहुल गांधी के इस बड़े ऐलान के बाद इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जहां चर्चाओं का दौर जारी है, तो वहीं राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आ रही है।
राहुल गांधी की इस घोषणा के बाद बीजेपी ने कहा है की वे कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान इस योजना की शुरुआत करें। अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राहुल की इस महत्वाकांक्षी योजना पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती एक पहले भी कांग्रेस और बीजेपी को एक सिक्के का दो पहलू बताकर दोनों दलों को गरीब, दलित विरोधी बताचुकी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के इन वादे को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के गरीबी हटाओ के नारे से जोड़कर मयावती ने सवाल उठा दिया है कि कहीं यह वादा भी नकली साबित न हो जाए।
आगामी लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रख कर कांग्रेस पार्टी जिस विजन डॉक्यूमेंट पर काम कर रही है उसमें न्यूनतम आय गारंटी योजना पर भी विचार किये जा हैं। इसकी जानकारी देते हुए पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष पी. चिदंबरम ने सोमवार को ट्वीट में लिखा था कि छत्तीसगढ़ की किसान रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की घोषणा ऐतिहासिक रहेगी और गरीबों के जीवन में महत्वपूर्ण साबित होगी। पिछले दो वर्षों में यूनिवर्सल बेसिक इनकम के सिद्धांत पर बड़े पैमाने पर चर्चा की गई थी। अब समय आ गया है कि हमारे हालात और हमारी जरूरतों के मुताबिक इस सिद्धांत को अपनाया जाए और इसे गरीबों के लिए लागू भी किया जाए।
चिदंबरम ने आगे ट्वीट में यह भी लिखा था कि हम कांग्रेस घोषणा पत्र में अपनी योजना बताएंगे।
वर्ष 2004 से 2014 के बीच 14 करोड़ लोगों को गरीबी के चंगुल से बाहर निकाला गया था। भारत से गरीबी का सफाया करने के लिये हमें बेहद कोशिश करनी होगी। देश के संसाधनों पर पहला अधिकार भारत के गरीबों का है। राहुल गांधी के वादे को लागू करने के लिए कांग्रेस पार्टी संसाधन जुटाएगी।