नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन करीब तीन महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का आंदोलन ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी बहस का मुद्दा बन चुका है। पिछले करीब 80 दिनों से किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने अब आंदोलन के लिए नई रणनीति का ऐलान किया है। किसान संगठन अब 18 फरवरी को रेल रोको अभियान चलाएंगे। 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक पूरे देश में रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा किसान नेताओं ने घोषणा की है कि 12 फरवरी से राजस्थान के सभी टोल प्लाजा किसान फ्री कराएंगे। तीन कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में किसान संगठनों ने तीन घंटे के लिए चक्का जाम भी किया था। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जानकारी दी गई है कि 14 फरवरी को पुलवामा हमले की सालगिरह पर जवान और किसान के लिए कैंडल मार्च और मशाल रैली की जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पूरे प्रकरण को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर झूठ और भ्रम फैलाने के आरोप लगाए थे। पीएम मोदी ने कहा कि ये कानून किसी के लिए बंधन नहीं है बल्कि एक विकल्प है, ऐसे में विरोध का कोई कारण नहीं है। इसके अलावा पीएम मोदी ने किसानों से वार्ता के लिए आगे आने की अपील भी की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि आइये, टेबल पर बैठकर चर्चा करें और समाधान निकालें।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा था कि किसान आंदोलन पवित्र है, लेकिन किसानों के पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनकारियों ने नहीं, आंदोलनजीवियों ने किया है। हमें आंदोलकारियों और आंदोलनजीवियों में फर्क करने की और उनसे बचने की जरूरत है।