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पुलवामा अटैक : प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई सीसीएस बैठक, दिल्ली लाए जा रहे हैं जवानों के शव

सेन्ट्रल डेस्क, साहुल पाण्डेय : कश्मीर के पुलावामा में हुए आतंकी आत्मघाती हमले को लेकर पूरा देश गुस्से में है। इस हमले में देश के 42 सीआरपीएफ जवानों की जान चलीं गई। इस हमले के बाद सुरक्षा एजेसियों के कान खड़े हो गए है।इतनी सुरक्षा के बावजूद हुए इस हमले को लेकर सुरक्षा एजेंसिंयां सकते में है। वहीं इस पूरे मामले करी जांच करने को लेकर एनआइए की टीम आज पुलवामा पहुंच रही है। वहीं शहींद जवानों के शवों को आज दिल्ली लाया जाएगा। दिल्ली में हीं पीएम मोदी शहीदों को श्रद्धांजली देंगे।

पालम एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री देंगे शहीदों को श्रद्धांजली

प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम मोदी की धार में होने वाली सभा को रद्द कर दिया गया है। वहीं पीएम मोदी आज वदें मातरम एक्स्प्रेस को भी हरी झंठी दिखाएंगे। शहीदों को श्रद्वांजलि दने के लिए पूरे ट्रेन को नहीं सजाया गया है।  बता दें कि शहींदों के शब आज कश्मीर से दिल्ली पहुंचेगें। प्रधानमंत्री मोदी शहीदों को दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर ही श्रद्धांजली देंगे। वहीं दिल्ली में आज सीसीएस की बैठक भी पूरी हो चुकी है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में यह बैठक चल रही थी। यह बैठक एक घंटे से ज्यादा देर तक चली। सूत्रों की माने तो इस दौरान सरकार ने कड़ी कार्रवाई करने को लेकर सहमती बनाई हैं।

दिल्ली बता दें पुलवामा के आतंकी हमले में करीब 43 जवानों की जानें चली गई।जानकारी के अनुसार जवानों के शवों को दिल्ली लाने को लेकर गाजियाबाद से विमानों को रवाना कर दिया गया है। ये विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर शहीदों के शवों को लेकर पहुंचेगी।

कैसे हुआ हमला

जम्मू से करीब ढाई हजार सीआरपरएफ जवानों को श्रीनगर के लिए शिफ्ट किया गया जाना था। जवानों का काफिला जम्मू श्रीनगर राष्‍ट्रीयमार्ग से गुजर रहा था। इसी समय एक विस्फोटको से भरी कार सेना के काफिले के आगे चल रहीं बस में आकर टक्क्र मार देती है और एक जोरदार धमाका होता है। जानकारी के अनुसार इस बस में सेना के करीब 39 जवान सवार ​थे। विस्फोट इतना भयानक था कि इसके बात सड़क पर केवल मशीनों के पूजें और जवाने के शरीर के टूकड़े बिखरे पड़े थै।

जम्मू—कश्मीर में हुए इस आतंकि हमले में करीब 42 जवानों की जान चली गई तो वहीं करीब 50 से भी ज्यादा जवान घायल हुए है। वहीं 15 जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ के इस काफिले में ज्यादातर वे जवान थे जो अभी—अभी छूट्टी मनाकर देश की सेवा करने के ल्रिए डयूटी पर पहुंंचे थे। बताया जा रहा हैं कि इस हमले में आतंकियों द्वारा आइडी विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। वहीं गाडियों पर भी गोलियों के निशान मिले है, जो साफ बताते है कि आतंकी पहले से हीं घात लगाकर बैठे थे।

आपको बता दें कि इससे पहले उरी में भी ऐसी ही घटना को अंजाम दिया गया था। उस समय भी आतंकियों ने सेना के काफिले को हीं निशाना बनाया था। उरी हमले में 16 जवानों की जाने गईं थी। उरी हमले के बाद ये सबसे बड़ा आतं​की हमला बताया जा रहा है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद सेना ने मोर्चा संभाला और राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। इस हमले को लेकर पूरी मॉनिटरिंग खुद एनएसए अजीत डोभाल कर रहे है। वहीं मामले की जांच एनआइए को सौंप दी गई है। एनआइए की टीम शुक्रवार की सुबह पुलवामा पहुंचेगी।

पुलवामा में हुए इस आतंकि हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश—ए—मोहम्मद ने ली है। हमले के तुरंत बाद एक वीडियो भी शोसल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसमें जैश का एक आतंकी आदिल मोहम्मद डार संदेश देता हुआ दिख रहा है। मिली जानकारी के अनुसार डार ने 2015 में जैश को ज्वाइन किया था और पाकिस्तान में आतंकि हमले की ट्रेनिंग ली थी।

जैश्—ए—मोहम्मद को आतं​की संगठन घोसित करने की मांग

इस हमले के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर से इंटरनेशन कम्यूनिटी से अपील की है कि वे भारत द्वारा सौंपे गए आतंकी संगठनों के लिस्ट जिसमें जैश का भी नाम उसे स्वीकार करें और यूएन की सिक्योरिटी काउंसिंल के सेक्शन 1267 के तहत कार्रवाई करें। वहीं पाकिस्तान की ओर से भी इस हमले को लेकर प्रतिक्रिया आई है। पाकिस्तान ने इस पूरे मामले को ‘मैटर आॅफ ग्रेव कनर्सन’ यानी गंभीर चिंता का विषय बताया है।

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