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पुलवामा हमले को लेकर देश में पाकिस्तान के प्रति गुस्सा, यूएन बोला – हम भारत के साथ

सेंट्रल डेस्क, साहुल पाण्डेय : कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 से ज्यादा जवानों की जाने जाने से इस वक्त पूरा देश गुस्से में है. आतंकियो के इस कायराना हमले को लेकर पूरे देश में जहां गुस्सा है तो वहीं दुनिया भर दे देशों ने भी इस हमले की कड़ें शब्दों में निंदा की है। बांंग्लादेश और नेपाल के साथ—साथ अब यूनाइटेड नेंशन ने भी अपनी प्रतिकिया देते हुए इस मामले पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वहीं दे के तमाम बड़े नेताओं की ओर से भी इस घटना को लेकर दुख जाहिर करते हुए इस मामले पर रालनीति नहीं करने और देश को एकजुट रहने की बात कही है।

काश्मीर के पुलवामा में आज दोपहर में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों द्वारा हमला किया गया। यह हमला तब हुआ जा सीआपीएफ के करीब ढाई हजार जवानों को जम्मू से श्रीनगर के लिए शिफ्ट किया जा रहा था। इस हमले को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि देश के जवानों का बलिदान जाया नहीं होगा। वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस आतंकी हमले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देने की बात कही है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के जवानों का खून व्यर्थ नहीं जाएंगा।

वहीं विपक्ष ने भी इस हमले करे लेकर एक शुर में अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है। कांग्रेस अधक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वे इस घटना से काफी आहत है।उन्होंने यह भी कहा कि मेरी संवेदनाएं शहीदों के साथ है। वहीं सोनिया गांधी ने भी इस बड़े आतंकी हमले को लेकर शहीदों के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है।

विदेशों में भी हुई इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा

देश के साथ ही विदेशों में भी आतंकियों की इस कायराना हरकत पर कड़ी प्रतिक्रिया आइ है। अमेरिकी की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना की कड़ी निंदा की है।बांग्लादेश, नेपोल, भूटान और मालद्वीप ने भी इस घड़ी में भारत के साथ होने की बात कही है। वहीं यूनाइटेड नेंशन ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम इस घटना के दोसियों को कटघरे में लाएंगे और न्याय करने में भारत सरकार की मदद करेंगे।

कैसे हुआ हमला

जम्मू से करीब ढाई हजार सीआरपरएफ जवानों को श्रीनगर के लिए शिफ्ट किया गया जाना था। जवानों का काफिला जम्मू श्रीनगर राष्‍ट्रीयमार्ग से गुजर रहा था। इसी समय एक विस्फोटको से भरी कार सेना के काफिले के आगे चल रहीं बस में आकर टक्क्र मार देती है और एक जोरदार धमाका होता है। जानकारी के अनुसार इस बस में सेना के करीब 39 जवान सवार ​थे। विस्फोट इतना भयानक था कि इसके बात सड़क पर केवल मशीनों के पूजें और जवाने के शरीर के टूकड़े बिखरे पड़े थै।

जम्मू—कश्मीर में हुए इस आतंकि हमले में करीब 42 जवानों की जान चली गई तो वहीं करीब 50 से भी ज्यादा जवान घायल हुए है। वहीं 15 जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ के इस काफिले में ज्यादातर वे जवान थे जो अभी—अभी छूट्टी मनाकर देश की सेवा करने के ल्रिए डयूटी पर पहुंंचे थे। बताया जा रहा हैं कि इस हमले में आतंकियों द्वारा आइडी विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। वहीं गाडियों पर भी गोलियों के निशान मिले है, जो साफ बताते है कि आतंकी पहले से हीं घात लगाकर बैठे थे।

आपको बता दें कि इससे पहले उरी में भी ऐसी ही घटना को अंजाम दिया गया था। उस समय भी आतंकियों ने सेना के काफिले को हीं निशाना बनाया था। उरी हमले में 16 जवानों की जाने गईं थी। उरी हमले के बाद ये सबसे बड़ा आतं​की हमला बताया जा रहा है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद सेना ने मोर्चा संभाला और राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। इस हमले को लेकर पूरी मॉनिटरिंग खुद एनएसए अजीत डोभाल कर रहे है। वहीं मामले की जांच एनआइए को सौंप दी गई है। एनआइए की टीम शुक्रवार की सुबह पुलवामा पहुंचेगी।

पुलवामा में हुए इस आतंकि हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश—ए—मोहम्मद ने ली है। हमले के तुरंत बाद एक वीडियो भी शोसल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसमें जैश का एक आतंकी आदिल मोहम्मद डार संदेश देता हुआ दिख रहा है। मिली जानकारी के अनुसार डार ने 2015 में जैश को ज्वाइन किया था और पाकिस्तान में आतंकि हमले की ट्रेनिंग ली थी।

जैश्—ए—मोहम्मद को आतं​की संगठन घोसित करने की मांग

इस हमले के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर से इंटरनेशन कम्यूनिटी से अपील की है कि वे भारत द्वारा सौंपे गए आतंकी संगठनों के लिस्ट जिसमें जैश का भी नाम उसे स्वीकार करें और यूएन की सिक्योरिटी काउंसिंल के सेक्शन 1267 के तहत कार्रवाई करें। वहीं पाकिस्तान की ओर से भी इस हमले को लेकर प्रतिक्रिया आई है। पाकिस्तान ने इस पूरे मामले को ‘मैटर आॅफ ग्रेव कनर्सन’ यानी गंभीर चिंता का विषय बताया है।

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