समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा किया है कि काशी कॉरिडोर की नींव समाजवादी पार्टी सरकार ने रखी है। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो दस्तावेज भी देंगे। एक एजेंसी से बातचीत में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जो भी कार्य गिना रही है, वह समाजवादी पार्टी की देन हैँ।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किया दावा
इस बीच उन्होंने काशी कॉरिडोर की नींव सपा सरकार में रखे जाने का दावा किया। उनका यह दावा सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है। सपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर दस्तावेज उपलब्ध कराने में पीछे नहीं रहेंगे। क्योंकि बिना सबूत के कोई बात नहीं करते हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को जनादेश देकर विकास की उम्मीद की, लेकिन भारतीय जनता पार्टी सरकार ने जाति-धर्म देखकर कार्य किया। वह अंग्रेजों की तरह फूट डालो और राज करो का फंडा अपनाती है।
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यही वजह है कि जनता भारतीय जनता पार्टी से पूरी तरह नाराज है और सपा की ओर देख रही है। यादव पार्टी कार्यालय में एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अब पार्टी के साथ तमाम लोग जुड़ गए हैं। ऐसे में कोई भी पार्टी समाजवादी पार्टी का मुकाबला नहीं कर सकती है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि वे सिर्फ बुलडोजर की बात करते हैं। सपा कार्यालय में जुटी भीड़ देखकर कहीं उनका बुलडोजर इधर ना आ जाए। भाजपा लोगों को डरा कर काम कर रही है।
सपा पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अभी तक संकल्प पत्र को खोलकर नहीं देखा है। संकल्प पत्र में किए गए एक भी वादे को नहीं पूरा किया। ऐसे में अब जनता उन्हें पलटने जा रही है। किसान परेशान हैं। उन पर जीप चढ़ाई गई। अनाथ पशु घूम रहे हैं।
नदियां गंदी हैं। बेरोजगार कराह रहे हैं। अस्पतालों में पहुंचने वालों को ऑक्सीजन नहीं मिली। हर तरफ बदइंतजामी और बेकारी की कीमत भाजपा को चुकानी पड़ेगी। उन्होंने घोषणा की कि सपा की सरकार बनने पर गोरखपुर यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी बनाने का प्रयास किया जाएगा।
बता दे की विधायक विनय शंकर तिवारी ने कहा कि 2017 में उत्साह से सरकार बनी। लेकिन इस सरकार ने लोकतंत्र नहीं राजतंत्र अपनाया। धरातल पर कोई काम सरकार ने नहीं किया। गोरखपुर विश्वविद्यालय में जाति विशेष के लोगों को नौकरी दी गई।
ब्राह्मण समाज का लगातार अपमान किया गया। एनकाउंटर की पालिसी अपनाई। यह इतिहास में पहली बार हुआ है। इस दौरान अहमद हसन, राजेंद्र चौधरी, नरेश उत्तम पटेल, पवन पांडेय, उदयवीर सिंह आदि मौजूद रहे।