पाकिस्तान ने बर्फबारी से प्रभावित मुर्री में वाहनों में फंसे 23 लोगों की मौत के बाद आखिरकार सरकार जाग गई है बता दे की जांच के लिए एक समिति का गठन कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक सदस्यों के नामों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसके अनुसार अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह जफर नसरुल्ला को संयोजक नियुक्त किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक समिति यह पता लगाएगी कि मुर्री में सामने आई संकट की स्थिति के लिए कौन से सरकारी विभाग जिम्मेदार थे। इसके साथ ही समिति इस बात पर भी गौर करेगी कि मौसम विभाग द्वारा जारी मौसम अनुमान के मद्देनजर संस्थानों द्वारा क्या एहतियाती उपाय किए गए। इससे यह निर्धारित होगा कि क्या लोगों को पर्यटन स्थल की यात्रा करने से रोकने के लिए मीडिया पर कोई चेतावनी चलाई गई थी। इतना ही नहीं समिति इस बात की भी जांच करेगी कि बर्फीले तूफान के बीच यातायात नियंत्रण के क्या उपाय किए गए और प्रतिकूल मौसम की रिपोर्ट मिलने के बाद सुरक्षा उपायों को लागू किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, प्राप्त निष्कर्षों के परिणामस्वरूप रिपोर्ट सात दिनों में प्रांतीय सरकार को सौंप दी जाएगी। वही पंजाब के मुख्यमंत्री को शुरुआती रिपोर्ट में उस्मान बुजदार ने कहा कि 7 जनवरी को 22 मौतें कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता के कारण हुईं। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 17.6 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की एक बयान में, बुजदार ने कहा कि कल रात तक मुरी में कुल 33,745 वाहन थे, जो कि हिल स्टेशन की तुलना में काफी ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार, 3 जनवरी से 7 जनवरी के बीच 162,000 वाहनों ने शहर में प्रवेश किया।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के मुरी में भारी बर्फबारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है, क्योंकि सुरक्षा बलों ने एक हजार से अधिक पर्यटकों को प्रभावित क्षेत्र से निकाला है।